
प्राचीन चिकित्सा विधाओं में गोमूत्र की विशेषताओं को वैज्ञानिक परीक्षण में भी सही पाया गया है. आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक शोध पूरा करने के बाद यह दावा किया है कि गौमूत्र के अर्क में कई औषधीय गुण हैं. गौमूत्र का अर्क एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल है.
दरअसल, कुछ दिन पहले ही एक शोध के बाद दावा किया गया था कि ताजा गोमूत्र में कई तरह के जीवाणु होते हैं, जो मानव शरीर के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इस शोध को खारिज करते हुए बुधवार को आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रविकांत अग्रवाल ने बताया कि गौमूत्र के अर्क में विशेष औषधीय गुण हैं, जो कई तरह के जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने के साथ ही उसे खत्म करने की भी क्षमता रखते हैं.
डॉ. रविकांत ने बताया कि शोध के लिए देसी नस्ल की साहिवाल और थारपारकर की छह-छह गायें और दो संकर नस्ल की गायों के मूत्र को लिया गया. डॉ. रविकांत ने बताया कि हर तीन महीने के अंतराल पर छह बार गोमूत्र के सैंपल लिए गए फिर उनका अर्क बनाकर प्रयोगशाला में औषधीय गुणों का परीक्षण किया गया.
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने अर्क बनाने के लिए प्रयोगशाला में गोमूत्र को गर्म करके फिर उसे ठंडा किया. इसके बाद ईकोलाई, साल्मोनेला स्पीशीज, स्यूडोमोनास एरुगिनोसा जीवाणुओं के खिलाफ उसका प्रयोग किया गया. हर छह बार के प्रयोग में गोमूत्र का अर्क इन चारों जीवाणुओं को खत्म करने में सफल रहा. वहीं, लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेनेस, बेसिलस सेरेस, स्टेफिलोकोकस ऑरियस जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने में सफल रहा. हालांकि यह शोध गोमूत्र के अर्क पर आधारित है, जबकि कुछ महीने पहले का शोध ताजा गोमूत्र पर आधारित था.
देशी गायों और दो संकर नस्ल की गायों के गोमूत्र अर्क पर हुआ शोध
● औषधीय गुणों से भरपूर मिला गोमूत्र का अर्क
● वैज्ञानिकों ने देसी नस्ल की साहीवाल, थारपारकर और संकर नस्ल की गायों पर किया शोध
● एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल है गोमूत्र का अर्क, कई रोगों से लड़ने में है सक्षम
शोध के आधार पर यह कहा जा सकता है कि गोमूत्र का अर्क इंसानों के लिए वरदान है. गोमूत्र अर्क में जीवाणु रोधी और कवक रोधी गुण है, जो कई रोगों के उपचार में सहायक हो सकते हैं.
– डॉ. त्रिवेणी दत्त, डायरेक्टर, आईवीआरआई