इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल की एक रिसर्च का मुताबिक, स्किन कैंसर भारत में 2-4% लोगों में पाया जाता है. ये अन्य तरह के कैंसर की तुलना में कापी कम पाया जाता है. ये यंग अडल्ट्स के बीच में एक कंसर्न का विषय है जो धूप या सूरज की रोशनी के बीच रहकर स्किन कैंसर के खतरे में हैं.
खासतौर पर इस समय जब भारत में क्लाइमैट एक अजीब सी स्थिति में है.
तो इसलिए इससे बचने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है हर रोज़ धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाकर ही जाना. सनस्क्रीन को अपने डेली रुटीन का हिस्सा बनाने से आप स्किन कैंसर के खतरे से खुद को बचा सकते हैं और साथ ही साथ अन्य स्किन से रिलेटेड परेशानियों से भी बच सकते हैं.
और यही केवल काफी नहीं है. सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से आपकी स्किनटोन भी मेंटेन रहेगी और एजिंग जैसी परेशानियों से भी आपको निजात मिलेगी. सही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से आप अपनी स्किन को सूर्य की हार्मफुल किरणों से हेल्दी, ग्लोइंग और प्रोटेक्टेड रख सकते हैं.
सनस्क्रीन का इस्तेमाल ज़रूरी क्यों होता है
स्किनकेयर अपने आप में ही बहुत ज़रूरी है, ये एक रुटीन की तरह ही फॉलो किया जाना चाहिए. स्किनकेयर रुटीन का हिस्सा सनस्क्रीन बी होती है. जो आपकी स्किन को हेल्दी, ग्लोइंग बनाने के साथ ही साथ सूरज की हार्मफुल किणों से आपका बचाव भी करती है. ऐसे में सनस्क्रीन स्किन की हेल्थ और बचाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
सनस्क्रीन इस्तेमाल करने के फायदे
सनस्क्रीन बहुत उपयोगी है इससे समय से पहले एजिंग की समस्या या सन बर्न से बचाव होता है. इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं यहां जानें:
1. सनबर्न से बचाव
सनस्क्रीन इस्तेमाल करने का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग है सनबर्न से खुद को या त्वचा को बचाना. सनबर्न काफी पेनफुल हो सकता है जो ठीक होने में भी काफी समय लगा सकता है. सनबर्न से स्किन कैंसर का खतरा भी बना रहता है. इसलिए धूप में निकलने से पहले हमेशा सनस्क्रीन लगा लेना चाहिए.
2. समय से पहले होने वाली एजिंग से बचाव
सूर्य की UV किरणों से समय से पहले एजिंग, रिंकल्स, फाइन लाइन्स और एज स्पॉट्स हो सकते हैं. सनस्क्रीन का इस्तेमाल रोज़ाना करने पर आप सूरज के स्किन पर हार्मफुल इफैक्ट को रोक सकते हैं और स्किन को हेल्दी बनाए रख सकते हैं.
3. स्किनटोन को ईवन रखने में मदद
सूर्य की किरणों की वजह से आपकी स्किन का पिंगमेंटेशन अनईवन हो सकता है, जिसस डार्क स्पॉट्स जैसी दिक्कत आ सकती है. सनस्क्रीन का रोज़ाना इस्तेमाल करने से स्किन टोन ईवन रहती है.
इससे भी ज़्यादा ये ज़रूरी है कि स्किन के टाइप को ध्यान में रखकर ही सनस्क्रीन चुनना चाहिए और UAV और UVB दोनों से ही बचाव करने वाली सनस्क्रीन हो.आपको ऐसी सनस्क्रीन चुनना चाहिए जो SPF (Sun Protection Factor) वाली हो, प्रिफर करें SPF 30 तो चुनें ही, जिससे मैक्सिमम प्रोटेक्शन हो सके.
अलग- अलग सनस्क्रीन को चुनें
लेकिन कई तरह के अलग- अलग सनस्क्रीन मार्केट में उपलब्ध हैं, ये काफी कन्फ्यूज़िंग हो सकता है जब आप अपने लिए सही सनस्क्रीन ढूंढ रहे हों तब. इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे अलग अलग टाइप के सनस्क्रीन आपके स्किन टाइप औप लाइफस्टाइल के लिए परफेक्ट होते हैं.
1. केमिकल सनस्क्रीन
केमिकल सनस्क्रीन UV किरणों को अपने अंदर समाहित कर उसे हीट में ट्रांसफॉर्म करता है. इसमें एवोबेंज़ोन, ऑक्सीबेंज़ोन और ऑक्टिनॉक्सेट जैसे तत्व होते हैं. इसके साथ ही ये काफी एफर्टलेस तरीके से लगाई जा सकती है और स्किन में भी आसानी से एबजॉर्ब हो जाती है. ऐसे लोग जिनकी सेंसिटिव स्किन है उनके लिए ये इरिटेटिंग हो सकती है.
2. फिज़िकल सनस्क्रीव
फिज़िकल सनस्क्रीन को मिनरल सनस्क्रीन के नाम से भी जाना जाता है, इसमें टाइटेनियम डाईऑक्साइड और ज़िंक ऑक्साइड होते हैं. ये स्किन पर एक बैरियर फॉर्म कर देती है जिससे UV किरणें रिफ्लेक्ट होकर बिखर जाती हैं. फिज़िकल सनस्क्रीन सेंसिटिव स्किन वाले लोगों के लिए बेस्ट है, क्योंकि इससे इरिटेशन नहीं होती. ये वॉटर रेज़िस्टेंट होती है और इंस्टैंट प्रोटेक्ट करती है. हालांकि ये चेहरे पर सपेद परत चढ़ा सकती है जो डार्क स्किनटोन वालों पर सूट नहीं होगी.
3. टिन्टेड सनस्क्रीन
टिन्टेड सनस्क्रीन सूरज की हार्मफुल किरणों से बचाने के साथ ही फाउंडेशन का काम भी करती है. ये कई शेड्स में आती है जो हर तरह की स्किनटोन पर सूट करती है और मीडियम कवरेज में शीयर लुक देती है. टिन्टेड सनस्क्रीन उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो नेचुरल फिनिश लुक चाहते हैं साथ ही साथ सन से प्रोट्क्शन भी चाहते हैं. हालांकि ये ऑयली स्किन वालों को सूट करेगी.
4. स्प्रे सनस्क्रीन (Spray sunscreen)
स्प्रे सनस्क्रीन आसानी से लगाई जा सकती है और ये कहीं पर भी रखकर ले जाई जा सकती है. ये उन लोगों के लिए आइडियल है जो अपने हाथों को गंदा नहीं करना चाहते हैं. स्प्रे सनस्क्रीन केमिकल और फिज़िकल दोनों ही फॉर्मलेशन में आते हैं और स्किन में जल्दी से एबजॉर्ब हो जाते हैं. हालांकि इसे पूरी स्किन पर बराबरी से लगाना थोड़ा मुस्किल हो सकता है.
SPF क्या है समझें
स्किन के हिसाब से सही सनस्क्रीन को चुनने के लिए SPF को समझना एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है. SPF या सन प्रोटेक्शन फैक्टर, सनस्क्रीन की एबिलिटी मापने के लिए ज़रूरी है जो आपकी स्किन को UVB की रेडिएशन के आधार पर प्रोटेक्ट कर सके. जो सनबर्न की एक प्राइमरी वजह हो सकती है.
उदाहरण के लिए, अगर आपकी त्वचा 10 मिनिट में ही धूप से जलने लगती है तो SPF 15 वाला सनस्क्रीन लगभग 150 मिनट तक आपको सुरक्षा प्रदान करेगा. यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि एसपीएफ केवल यूवीबी किरणों से सुरक्षा को मापता है, यूवीए किरणों से नहीं, जिससे त्वचा को नुकसान भी हो सकता है. हालांकि, “ब्रॉड-स्पेक्ट्रम” के रूप में लेबल किए गए अधिकांश सनस्क्रीन त्वचा को यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों से बचाएंगे.
सनस्क्रीन चुनते समय, आपकी त्वचा के प्रकार और सूर्य की किरणों की तीव्रता को ध्यान रखना ज़रूरी है. उदाहरण के लिए, गोरी त्वचा वाले या धूप से झुलसने वाले लोगों को ज़्यादा एसपीएफ़ चुनना चाहिए, जबकि गहरे रंग की त्वचा वाले या कम टैन वाले लोग कम एसपीएफ चुन सकते हैं.
2. स्किनटाइप को कंसीडर करें
जब आपकी त्वचा के लिए सही सनस्क्रीन चुनने की बात आती है, तो आपकी त्वचा के प्रकार को जानना आवश्यक है. यदि आपकी त्वचा ड्राय है, तो आप ग्लिसरीन या हाइलूरोनिक एसिड जैसे हाइड्रेटिंग अवयवों वाले सनस्क्रीन का विकल्प चुन सकते हैं. तैलीय या मुंहासे वाली त्वचा वालों के लिए, तेल मुक्त या गैर-कॉमेडोजेनिक विकल्पों की तलाश करना सबसे अच्छा है. और यदि आपके पास संवेदनशील त्वचा है, तो किसी भी अवांछित प्रतिक्रिया से बचने के लिए खुशबू से मुक्त और हाइपोएलर्जेनिक फॉर्मूला चुनना महत्वपूर्ण है.
3. इंग्रीडिएंट्स को चेक करें
सनस्क्रीन चुनते समय लेबल को ज़रूर पढ़ें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह आपकी त्वचा के लिए सही है. ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन की तलाश करें जो ज़्यादा सुरक्षा के लिए यूवीए और यूवीबी किरणों दोनों के खिलाफ त्वचा की रक्षा करेगा. यदि आपकी संवेदनशील त्वचा है, तो फिजिकल सनस्क्रीन चुनें जिसमें जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे तत्व हों. सामान्य त्वचा वालों के लिए, एवोबेंज़ोन, ऑक्सीबेंज़ोन, या ऑक्टिनॉक्सेट के साथ रासायनिक सनस्क्रीन एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
4. एप्लिकेशन मैटर करती है
आप अपना सनस्क्रीन कैसे लगाते हैं, यह कितनी अच्छी तरह काम करता है, इसमें एक बड़ी भूमिका निभाता है. बाहर निकलने से 15-30 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाना सबसे अच्छा होता है और इसे हर दो घंटे में फिर से लगाएं, खासकर अगर आप तैर रहे हैं या पसीना आ रहा है. अपने पूरे शरीर को ढकने के लिए पर्याप्त सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी है, जिसमें आपके कान, पैर और आपकी गर्दन के पिछले हिस्से शामिल हैं जिन्हें आसानी से अनदेखा किया जा सकता है. कवरेज पर कंजूसी मत करो!