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अमेरिका के 3 विश्वविद्यालयों का शोध- अधिक आय की चिंता करने से इंसान दिल और दिमाग कहीं बेदम न हो जाए

तनाव को कई बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता है. एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अधिक आय की चिंता करने से इंसान का दिमाग तनावग्रस्त स्थिति में है और इससे उसका दिल भी कमजोर हो रहा है.

शोधकर्ताओं ने बताया कि सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण स्वास्थ्य पर व्यापक असर पड़ रहा है. अध्ययन अमेरिका के तीन विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने किया है. द स्ट्रेटेजिकली फोकस्ड रिसर्च नेटवर्क (एसएफआरएन), अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और कोलंबस में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी (ओएसयू) के शोधकर्ता पुराने तनाव से जुड़े स्वास्थ्य कारणों के अध्ययन के लिए 15 मिलियन डॉलर (एक अरब, 22 करोड़ रुपये) की परियोजना पर काम कर रहे हैं.

इसमें टीम यह शोध कर रही है कि वह कौन-कौन से कारक है, जिनसे तनाव हो रहा है और मनुष्य के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है. साथ ही यह भी जानने का प्रयास है कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को कैसे कम करने में मदद कर सकते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मिशेल ए. अल्बर्ट के अनुसार, दिल के कमजोर होने के लिए खराब खानपान और खराब जीवनशैली के अलावा आर्थिक असमानता, भेदभाव और उपेक्षा संबंधी सामाजिक कारण भी जिम्मेदार हैं. उनके मुताबिक, क्रोनिक तनाव हृदय रोग से पीड़ित लोगों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इसमें अधिक पैसा कमाने की चाहत, विवाह संबंधी कठिनाइयां, अलगाव और बुनियादी संसाधनों का अभाव शामिल है.

मानसिक लक्षण

● छोटी-छोटी बात पर रोना आना

● चीजों को भूलने लगना

● काम पर ध्यान नहीं दे पाना

● निर्णय लेने में परेशानी होना

● काम में ज्यादा वक्त लगना

तनाव में होने वाले शारीरिक लक्षण

● दिल की धड़कन का बढ़ना

● सिर में दर्द होना

● कब्ज या डायरिया जैसी स्थिति होना

● वजन का कम होना

● भूख नहीं लगना या ज्यादा लगना

● थकान महसूस होना

● नींद कम आना

● विवाह का नहीं होना, अलगाव में रहना भी बड़ी समस्या

तीन श्रेणियों में बांटा गया अध्ययन

● क्या व्यायाम हृदय के स्वास्थ्य पर तनाव के प्रभाव को उल्टा कर सकता है.

● तनाव या व्यायाम बच्चे को कैसे प्रभावित करेगा.

● लोगों के आहार, शिक्षा और व्यायाम के मिश्रण पर ध्यान केंद्रित किया गया.

तनाव में शरीर से एड्रेलाइन हार्मोन निकलता है

अधिक आय की चिंता या बुनियादी संसाधनों की कमी होने पर तनाव की स्थिति में इंसान के शरीर से एड्रेनालइन जारी करता है. यह एक हार्मोन होता है जो अस्थायी रूप से सांस लेने और हृदय गति को तेज करने व रक्तचाप को बढ़ाने का कारण बनता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि जब कोई व्यक्ति लगातार इस तरह के तनाव में रहता है तो दिल में सूजन जैसी दिक्कत होने लगती है.

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