
दुनिया के हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग हो रहा है. एआई से चिकित्सा जगत की जटिलताओं को सुलझाया जा रहा है. नए शोध में दावा किया जा रहा है कि एआई मरीजों के जीवित रहने की संभावनाएं बताएगा.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रासमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन की टीम ने ऐसा एआई सॉफ्टवेयर विकसित करने में सफलता हासिल की है, जो रोगी की जीवन प्रत्याशा के बारे में अनुमान लगा सकता है. सॉफ्टवेयर का नाम ‘न्यूट्रॉन’ रखा है. सॉफ्टवेयर न्यूट्रॉन की भविष्यवाणी डॉक्टर्स और गैर एआई कंप्यूटर मॉडल की अपेक्षा सटीक साबित हुई है.
यह शोध जर्नल नेचर में प्रकाशित हुआ है. अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि न्यूट्रॉन ने अस्पताल में मरने वाले 95 फीसदी रोगियों की सही पहचान की. इसमें 85 फीसदी ऐसे मरीज के बारे में बताया, जिन्हें 30 दिन में फिर भर्ती किए जाने की संभावना थी और ऐसा हुआ भी. वहीं एआई न्यूट्रॉन ने 79 फीसदी रोगियों के अस्पताल में भर्ती की अवधि का सही अनुमान लगाया.
देखभाल और बेहतर इलाज के लिए मददगार
अध्ययन में शामिल कंप्यूटर वैज्ञानिक एरिक ऑरमन के अनुसार,न्यूट्रॉन देखभाल और बेहतर इलाज के लिए मददगार हो सकता है. भविष्य में इसकी मदद से बिलिंग कोड निकालने, संक्रमण के जोखिम की भविष्यवाणी करने और ऑर्डर करने तथा सही दवा की पहचान करने की मॉडल की क्षमता का पता लगा सकते हैं. एरिक ने कहा, मरीजों के लिए पांच सामान्य कार्यों की भविष्यवाणी करने में न्यूट्रॉन की सटीकता का परीक्षण किया. एक सांख्यिकीय माप का उपयोग करते हुए न्यूट्रॉन ने पांच से 15 फीसदी का सुधार दिखाया. उम्मीद है कि यह आगे स्वास्थ्य प्रणाली की महत्वपूर्ण जरूरत बन सकता है.
तैयारी के लिए नौ साल के आंकड़ों को जुटाया
न्यूट्रॉन आमतौर पर भाषा मॉडल है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने 2011 और 2020 के बीच न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज करवाने वाले 3.87 लाख पुरुष और महिला रोगियों के हेल्थ रिकॉर्ड, डॉक्टर की पर्ची और जानकारी के नोट्स का प्रयोग किया. इनमें 4.1 अरब शब्दों का डाटा तैयार हुआ. फिर डाटा के अध्ययन से ही यह भविष्यवाणी तैयार की गई.