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दर्द और गंभीर रोगों में राहत देती है पॉजिटिव सोच

हाल में वैज्ञानिकों ने तन और मन के आपसी रिश्ते का ऐसा जोड़ ढूंढ़ा है, जो साबित करता है कि पॉजिटिव सोच, रोगों से लड़ने की हमारी क्षमता बढ़ाती है. गहरे सदमे दिल पर बुरा असर डालते हैं. ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम व दूसरी तनाव पूर्ण स्थितियों में लंबे समय तक रहना हृदय की मांसपेशियों को कमजोर करता है.

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह समझना कि हमारे भाव शरीर पर किस तरह असर डालते हैं, तेज दर्द व कैंसर जैसे बड़े रोगों के उपचार में नए तरीके विकसित करने में मददगार साबित हो सकता है. इज्राइल में इम्यूनोलॉजी शोधक हेडवा हाइकिन, भावों और हृदय रोगों के संबंध पर अध्ययन कर रही हैं. उनके अनुसार दिमाग के सकारात्मक सोच से जुड़े हिस्से वेंट्रल टेगमेंटल एरिया (वीटीए) को सक्रिय करना सेहत पर अच्छा असर डालता है. चूहों पर हुए अध्ययन में वीटीए हिस्से को सक्रिय किए जाने से चूहों में हृदय आघात की आशंका कम देखने को मिली.

साथ ही क्षतिग्रस्त टिश्यू कम करने में भी सहायक पाया गया. इससे पहले एक अन्य अध्ययन में प्रोफेसर गेराल्ड जेंपॉनी ने वीटीए हिस्से को सक्रिय करने पर तेज दर्द की स्थिति से गुजर रहे चूहों में राहत मिलने की जानकारी दी थी.

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