
कॉन्टेक्ट लेंस भले ही आपकी खूबसूरती को बढ़ाए, लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि यह आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. अध्ययन में पाया गया है कि कॉन्टैक्ट लेंस दुनिया भर के जल निकायों में माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं.
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि प्रतिदिन 10 घंटे पहने जाने वाले लेंस प्रति वर्ष 90 हजार से अधिक माइक्रोप्लास्टिक कणों को बाहर छोड़ते हैं. अध्ययन में वैज्ञानिकों ने अलग-अलग जीवनकाल के छह प्रकार के पुन प्रयोज्य लेंस एकत्र किए. इनको एक लैंप के नीचे रखा जाता था जो सूरज की रोशनी की तरह प्रक्रिया थी. इसके साथ ही हर 10 घंटे में तीन बार पानी से धोया जाता था. लेंसों को 30 या 90 दिनों की सूर्य की रोशनी प्राप्त होने के बाद वैज्ञानिकों ने उस पानी का विश्लेषण किया जिसमें वे रखे थे. उन्होंने पाया कि कम जीवनकाल वाले लेंसों से अधिक माइक्रोप्लास्टिक निकलता हैं.
पर्यावरण के लिए नुकसानदायक
ब्रिटेन में ही हर साल 75 करोड़ से अधिक कॉन्टेक्ट लेंस नाली में या लैंडफिल में फेंक दिए जाते हैं. एक बार लैंडफिल में उन्हें विघटित होने में 500 साल तक का समय लग सकता है. आंखों के लिए माइक्रोप्लास्टिक्स के सीधे संपर्क का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव वर्तमान में ज्ञात नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके निष्कर्ष बताते हैं कि इस क्षेत्र में अधिक अध्ययन की तत्काल आवश्यकता है.