
नई दिल्ली . पुलिस की साइबर सेल इफ्सो ने बुजुर्ग अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले कॉल सेंटर का खुलासा कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान कुणाल, सुमन दास, सुब्रत दास, गौतम और अमित के रूप में हुई. यह गिरोह पीड़ितों को हैकिंग का डर दिखाकर उनसे ठगी करते थे.
स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने रविवार को बताया कि अमेरिकी नागरिक जोस एंटोनियों और लेनिवटी तेनडजू ने अमेरिकी दूतावास के माध्यम से संपर्क किया था. पीड़ित ने बताया कि उन्होंने अक्तूबर 2021 में लैपटॉप की ऑनलाइन सर्विस उपलब्ध कराने वाली कंपनी गिक स्क्वाड से संपर्क साधा था. कुछ समय बाद लोगों ने सम्पर्क किया और लैपटॉप को हैकिंग के लिहाज से बेहद संवेदनशील बताया. साथ ही बताया कि हैकर उनके बैंक खातों तक भी पहुंच सकते हैं. इस कारण दोनों बुजुर्गों ने सवा छह लाख डॉलर की रकम से गिफ्ट वाउचर ले लिए. इसके बाद वाउचर बैंक में जमा कर दिए. जब कुछ समय बाद डॉलर नहीं मिले तो उन्होंने हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया. तब एक अधिकारी ने दिलासा दिया और बुजुर्गों से दो मैकबुक और छह महंगे फोन महरौली के पते पर मंगाए. इसके बाद डीसीपी प्रशांत प्रिय गौतम की टीम ने जांच शुरू की. इस वारदात में तीन शख्स सामने आए, जिनकी पहचान सुमन दास, सुब्रत दास और कुणाल सिंह के रूप में हुई.
हवाला के जरिए रुपये मंगाता था आरोपी
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह नामी ऑनलाइन सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी का फर्जी हेल्पलाइन सोशल मीडिया एवं गूगल पर प्रचारित करते हैं. यह गिरोह देशभर से संचालित होता था. गौतम ने बताया कि चीन में वाउचर को कैश कराया जाता है. फिर अमित हवाला के जरिए भारत मंगाता था. एमबीए डिग्रीधारी अमित दस साल से हवाला कारोबार में है. वहीं, कुणाल और सुब्रत दोस्त हैं. वे कॉल सेंटर में काम करते थे.
ठगी का सिर्फ 40 फीसदी ही मिलता था
आरोपियों ने बताया कि उन्हें ठगी की रकम का 40 फीसदी ही मिलता है. शेष रकम कॉल, बैंक खाता मुहैया कराने वाले एवं गिफ्ट वाउचर से नकदी में बदलने वाले ब्लॉकर ले लेते हैं. पुलिस ने ब्लॉकर गौतम एवं हवाला कारोबारी अमित को रोहिणी से गिरफ्तार कर लिया.