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MBBS छात्र इंटर्नशिप के नए नियमों से परेशान

कोरोना महामारी के दौरान विदेश से एमबीबीएस की पढ़ाई करके आए छात्र इंटर्नशिप के बदले नियमों से परेशान हैं. दरअसल, कुछ राज्यों ने विदेश से पढ़कर आए ऐसे छात्रों के लिए दो साल इंटर्नशिप का नियम बनाया है.

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव सर्वेश पांडे ने कहा कि कोरोना की वजह से विदेश से वापस आए ऐसे छात्र भी इससे परेशान हो रहे हैं, जिन्होंने पूरा कोर्स वहां ऑफलाइन तरीके से पूरा किया. लेकिन, कोरोना की वजह से भारत लौट आने पर कुछ ही दिन ऑनलाइन पढ़ाई की है. अब उन्हें भी दो साल की इंटर्नशिप करनी पड़ रही है. जबकि भारत में एमबीबीएस करने वाले छात्रों ने भी ऑनलाइन कक्षाएं ली हैं, लेकिन इनके लिए सिर्फ एक ही साल इंटर्नशिप का नियम है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के नोटिस से हजारों छात्रों को स्थायी पंजीकरण (पीआर) को लेकर परेशान होना पड़ रहा है.

विदेश से एमबीबीएस कर आए छात्रों का कहना है कि उनके लिए देश के अलग-अलग राज्यों में इंटर्नशिप के नियम भी अलग हैं. दिल्ली समेत कई राज्यों में दो साल की इंटर्नशिप करनी पड़ रही है. जबकि कुछ राज्यों में सिर्फ एक साल की इंटर्नशिप करने के बाद उन्हें डॉक्टरी करने का लाइसेंस दिया जा रहा है.

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