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वैज्ञानिकों ने धरती के अंदर भूकंपीय तरंगों की गति का पता लगाया

देहरादून. वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने भूकंप स्रोतों के मापदंडों की गणना करने में सफलता हासिल की है. इन्हें भूकंप का सोर्स पैरामीटर कहा जाता है. इस पैरामीटर से किसी भी भूकंप की हलचल, उसका दायरा, प्रेशर और भूकंप से निकली ऊर्जा को मापा जा सकता है.

वैज्ञानिकों ने भूकंप से धरती के अंदर की हलचल का सटीक पता लगाया है. वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ. अनिल तिवारी, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. अजय पाल और संस्थान निदेशक डॉ. कालाचांद सांई के इस महत्वपूर्ण शोध को जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंस ने प्रकाशित किया है.

भूकंपीय खतरों के आकलन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा एनजीआरआई हैदराबाद के सहयोग से वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है. यह उत्तराखंड के हिमालय समेत तमाम जगहों के भविष्य के भूकंपीय खतरों के आकलन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. इसे भूकंप पर सबसे नया शोध मॉडल होने का दावा भी किया जा रहा है. वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड के 55 स्वचलित भूकंपीय वैधशाला में से 19 स्टेशनों पर वर्ष 2018 और 2019 में दर्ज 2.9 से 4.3 मेग्नीट्यूड के 21 भूकंपों के डाटा के अध्ययन के आधार पर यह शोध किया है. इसमें पृथ्वी की परतों पर भूकंप की गति और इससे उत्पन्न तरंगों का आंकलन किया है.

ये फायदा होगा

वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता मापने के इस अध्ययन का उपयोग भूकंपरोधी निर्माण और भूकंप की पूर्व चेतावनी के लिए किया जा सकता है. भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले भूकंपों की तरंगों की गति के विस्तृत अध्ययन से उस क्षेत्र के विकास कार्यों की सीमा रेखा तय की जा सकेगी.

इन स्टेशनों से जुटाए डाटा

अगस्त्यमुनि, बेरीनाग, ग्वालदम, बागेश्वर, द्वारहाट, अल्मोड़ा, गोपेश्वर, हल्द्वानी, कर्णप्रयाग, पिथौरागढ़, धारचुला, मुन्स्यारी, नाचनी, लोहाघाट, पाटी, डीडीहाट, चंपावत, कौसानी.

पृथ्वी की तीन परतों का अध्ययन

अध्ययन से पता चला है पृथ्वी की करस्ट लेयर की पहली सतह 0 से 20 किलोमीटर गहराई पर भूकंपीय तरंगों की रफ्तार औसतन 3.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड रही है. दूसरी परत 20 से 45 किमी की गहराई पर भूकंपीय तरंगों का औसत स्पीड 3.9 किलोमीटर प्रति सेकेंड थी. पृथ्वी की भीतरी सतह मोह डेफ्थ में 45 किमी से अधिक गहराई पर तरंगों की गति 4.9 किमी प्रति सेकेंड पाई गई.

भूकंप के अर्ली वार्निंग सिस्टम को तैयार करने में उपयोगी साबित होगा शोध, पैरामीटर से किसी भी भूकंप की हलचल, उसका दायरा और दबाव मापा जा सकेगा

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