अधिक वजन को कई बीमारियों के जल्दी होने का कारण माना जाता है, जिसके आधार पर अब तक यह निष्कर्ष निकाला जाता रहा है कि सामान्य लोगों के मुकाबले मोटे लोगों का जीवन अपेक्षाकृत कम होता है.
एक बड़े शोध में यह आश्चर्यजनक खुलासा हुआ है कि ज्यादा वजन वाले लोगों (मोटे नहीं) में आदर्श वजन वाले लोगों की तुलना में मृत्यु की आशंका सात फीसदी तक कम रहती है. यानी ऐसे लोग सात फीसदी अधिक जीते हैं.
बताया जा रहा है कि यह अध्ययन सामने आने के बाद बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई को लेकर दुनिया भर में नई बहस छिड़ने की संभावना है क्योंकि इसी के आधार पर व्यक्ति को अक्सर अधिक वजन वाला या मोटापे से ग्रस्त घोषित किया जाता है. अमेरिका में गैर अमेरिकी समूहों की 5.34 लाख आबादी पर 1999-2018 तक हुए इस अध्ययन में यह नतीजा निकाला गया है.
बीएमआई आदर्श,तो आयु होगी लंबी यह अध्ययन न्यू साइंटिस्ट नाम के जर्नल में प्रकाशित हुआ है तथा नेचर ने भी इस पर एक रिपोर्ट जारी की है. विश्व स्वास्थ्य महासभा में तय किए गए मानकों के अनुसार, जिन्हें करीब-करीब पूरी दुनिया में मान्यता है, 18.5-24.9 तक के बीएमआई को आदर्श माना जाता है, जो व्यक्ति इस बीएमआई के दायरे में आता है, उसे स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से श्रेष्ठ माना जाना है. यानी उस व्यक्ति को न केवल बीमारियों का खतरा कम होगा, बल्कि वह सामान्य व्यक्ति से ज्यादा जीवित रहेगा.
मोटापा कोई रोग नहीं
● जिनका बीएमआई 25-29.9 है, वे ओवरवेट यानी अधिक वजन वाले श्रेणी में रखे गए हैं. हालांकि ऐसे लोगों को मोटापे से ग्रस्त नहीं कहा जाता है.
● जिन लोगों का बीएमआई 25-30 के बीच में है, उनकी मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम होती है.
कैसे तय होता है बीएमआई
● व्यक्ति के वजन एवं कद से बीएमआई निकाला जाता है.
● यदि किसी 46 वर्ष के व्यक्ति का वजन 68 किग्रा और कद 165 सेंटीमीटर है तो बीएमआई की गणना निम्न तरीके से की जाएगी
● 68 भाग (1.65 मी) 2=24.98 बीएमआई
46 वर्ष की महिलाएं और पुरुष शोध में शामिल
20 वर्षों के दौरान हुई मौतों के विश्लेषण से पाया गया है कि जिनका बीएमआई 25-27.4 था, उन्हें मौत का खतरा 5, जबकि 27.5 -29.9 बीमएआई वालों में 7 तक कम मिला. इस शोध में 46 वर्ष की औसत आयु वाले लोगों को शामिल किया गया था. इसमें 50 महिलाएं व 69 आबादी गैर अमेरिकी मूल समूहों से थी.