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दिल्ली में लगातार बढ़ रहा है यमुना का जलस्तर, निचले इलाकों में बिगड़ सकते हैं हालात

Delhi Flood: राजधानी दिल्ली कई इलाकों में बारिश हो गई है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी मानसून पूरी तरह एक्टिव है और देश के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। IMD वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में मानसून एक्टिव फेज में है इसलिए इसके प्रभाव से अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश जारी रह सकती है। इसकी वजह से गुजरात में पहले से ही अत्यधिक बारिश हो रही है जो अगले 24 घंटों तक जारी रहेगी।

बाढ़ का खतरा

उधर यमुना के बढ़ते जलस्तर के साथ एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। रात 10 बजे यमुना नदी का जलस्तर 206.44 मीटर रिकॉर्ड किया गया। बता दें कि खतरे का निशान पुराने यमुना पुल के पास खतरे का निशान 205.33 मीटर है। पिछले कुछ घंटों में यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। यमुना का पानी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर पहुंच गया है। उधर पहाड़ी इलाकों में बारिश की वजह से हथनीकुंड बैराज में दबाव बढ़ता जा रहा है और लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। दिल्ली सरकार ने यमुना के निचले इलाकों के लोगों से इलाका खाली करने का आग्रह किया है।

गुजरात में बिगड़े हालात

गुजरात में भारी बारिश की वजह से कई जिलों में हालात बिगड़ गये हैं। रविवार को भावनगर, राजकोट, जामनगर, बोटाड, सूरत और बहरुच जैसे कुछ जिलों में 50-117 मिलीमीटर बारिश हुई है। बता दें कि 20 सेमी से अधिक वर्षा को भारी बारिश माना जाता है। वैसे, जूनागढ़ जिले में भारी बारिश के बाद अब बाढ़ का पानी कम होने लगा है। अधिकारियों ने बताया है कि करीब 3,000 लोगों को जिले में सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है। इधर मौसम विभाग ने रविवार को गुजरात के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया है कि देवभूमि द्वारका, राजकोट, भावनगर और वलसाड जिले में अगले 24 घंटे में भारी बारिश हो सकती है।

महाराष्ट्र में रेड अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 23 जुलाई को मध्य महाराष्ट्र और गुजरात राज्य के कोंकण और घाट क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा की गतिविधि जारी रहने की संभावना है। महाराष्ट्र के पालघर, रायगढ़ सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि के लिए सोमवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 23-27 जुलाई के दौरान देश के मध्य भागों में अलग-अलग भारी वर्षा गतिविधि जारी रहने की संभावना है। वहीं, 25 जुलाई से उत्तर पश्चिम भारत में वर्षा गतिविधि में वृद्धि होगी।

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