
देश में मधुमेह के रोगी बढ़ रहे हैं लेकिन राहत भरी एक खबर यह है कि मधुमेह की एक ऐसी नई दवा तैयार की गई है जिसे दो से तीन दिन खाने से मधुमेह पर नियंत्रण हो सकता है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यह दवा तैयार की है तथा अब इसकी तकनीक को दवा कंपनियों को हस्तांतरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. आईसीएमआर के अनुसार, यह दवा जामुन से तैयार की गई है.
बता दें, आयुर्वेद में भी जामुन से मधुमेह का उपचार का वर्णन मिलता है. लेकिन इसे आधुनिक चिकित्सा की कसौटी पर परखा गया है तथा मधुमेह रोगी कंपाउंड तैयार किया गया है. यह कंपाउंड पानी में आसानी से घुलनशील है.
खरगोश पर किया गया परीक्षण आईसीएमआर के दस्तावेज के अनुसार खरगोशों पर परीक्षण में इस कंपाउंड से उनमें ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (एचबीए1सी) में भी कमी दर्ज की गई है. एचबीए1सी में कमी आना प्रभावी रूप से यह दर्शाता है कि शुगर नियंत्रित हो रही है. अब तक हुए अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि इस हर्बल कंपाउंड का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है.
दोनों किस्म के रोगियों के लिए लाभदायक
यह हर्बल दवा टाइप-1 एवं टाइप-2 दोनों किस्म के मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है. आईसीएमआर ने इस तकनीक का पेटेंट फाइल किया है और दवा कंपनियों से इसके निर्माण, परीक्षण और बाजार में उतारने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं.
देश में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह की चपेट में
2021 के अध्ययन के अनुसार, देश में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह की चपेट में हैं, जबकि 13.6 करोड़ लोग मधुमेह के मुहाने पर हैं. आने वाले समय में यह समस्या और गंभीर हो सकती है.