
शादी-ब्याह और अन्य बड़े आयोजन के लिए बड़ी खरीदारी करने वालों पर आयकर विभाग की पैनी नजर है. विभाग के मुताबिक बहुत से लोग खरीदारी के दौरान कर से बचने के लिए कई पैन कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है. विभाग के समक्ष ऐसे कई मामले सामने आए हैं और उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है.
कर विशेषज्ञों का कहना है कि अभी कई लोग दो लाख रुपये से अधिक की खरीदारी करने पर ऑनलाइन भुगतान करने के बजाए नकद देना पसंद करते हैं ताकि कर देने से बचा जा सके. यही नहीं शादी समारोह में होटल और बैंक्वेट हॉल का बिल भरते समय भी नजदीकी रिश्तेरदारों का पैन कार्ड इस्तेमाल कर लेते हैं. इससे देखते हुए आयकर विभाग ने होटल, बैंक्वेट हॉल और लक्जरी व ब्रांडेड सामान बेचने वाले शॉपिंग मॉल में अपनी जांच तेज कर दी है. विभाग की नजर दो लाख से अधिक के लेनदेने करने वालों पर है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के फैसले के अनुसार, अब विक्रेता को दो लाख रुपये से अधिक की बिक्री या सर्विस चार्ज लेते समय एक फॉर्म भरना होगा. इसमें खरीद और बिक्री से संबंधित सारी जानकारी देनी होगी. साथ ही खरीदार का पूरा ब्योरा भी इसमें शामिल होगा. यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक पैन कार्ड लगाता है तो इसकी जानकारी भी इसमें दर्ज होगी.
फैसले से फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी
जानकारों का कहना है कि इस कदम से महंगे सामान की खरीद- बिक्री करने वाले स्रोतों का डाटा विश्लेषण आसानी से हो सकेगा. कई बार ग्राहक दो लाख रुपये से अधिक का बिल बन जाने पर उसे दो भाग में बांटने का अनुरोध करते हैं लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे.
धारा 143(2) के तहत
धारा 143(1) के तहत
रिटर्न में किसी तरह की गड़बड़ी पर यह नोटिस आता है. करदाता द्वारा आय कम बताने या अत्यधिक नुकसान का दावा करने अथवा कम कर चुकाने पर विभाग जांच करता है. करदाता से जरूरी दस्तावेज मांगे जाते हैं.
धारा 148 के तहत
यदि किसी करदाता ने अपनी वास्तविक आय का खुलासा सही तरीके से नहीं किया है तो उसका आकलन करने के लिए यह नोटिस भेजा जाता है. कर अधिकारी कई पैमानों पर आय का मूल्यांकन कर सकता है.