
भीषण गर्मी से राहत देने वाला एयर-कंडिशनर (एसी) देश की बड़ी आबादी की पहुंच से अब भी कोसो दूर है. मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे (एमआईएस) के अनुसार देश के शीर्ष पांच फीसदी अमीर देशभर में मौजूद कुल 53 फीसदी एसी का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, शीर्ष 10 फीसदी अमीरों के पास कुल 72 फीसदी एसी हैं, जो उनके आवासों में लगे हैं. यह सर्वे 2020-21 में कराया गया, जो एसी से संबंधित पहला आधिकारिक आंकड़ा है.
झुग्गियां ज्यादा गर्म
एसी इस्तेमाल करने वालों की संख्या से पता चलता है कि यह अधिकतर शहरी सुविधा है. 12.6 फीसदी शहरी परिवारों की तुलना में केवल 1.2 फीसदी ग्रामीण परिवारों के पास एसी हैं. वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) द्वारा मुंबई में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि झुग्गी-बस्तियां पड़ोस की हाउसिंग सोसाइटियों की तुलना में पांच से छह डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हैं.
खरीदने के बजाय किराये पर ले रहे
आंकड़ों में टिकाऊ वस्तुओं पर एक परिवार द्वारा किए गए औसत खर्च पर भी अध्ययन किया गया. इसमें हर परिवार से अकेले एसी पर भारी भरकम खर्च करने की उम्मीद नहीं मिली. टिकाऊ वस्तुओं पर 50 फीसदी लोगों ने पांच हजार या उससे कम खर्च की जानकारी दी और 20 फीसदी ने खर्च की जानकारी नहीं दी. इससे अनुमान लगाया गया कि परिवार एसी खरीदने के बजाय किराए पर भी लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
तीन साल पहले खरीदे गए पचास फीसदी एसी
आंकड़ों से एसी खरीदने के वर्ष के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई है. इससे पता चलता है कि 50 फीसदी आवासीय एसी केवल तीन साल पहले खरीदे गए. कुल एसी का 80 फीसदी अधिकतम पांच साल पहले खरीदे गए थे. डाटा से पता चलता है कि भारतीय घरों में केवल दो फीसदी एसी एक दशक से अधिक पुराने हैं.