
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल मसूरी को बचाने के लिए यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या नियंत्रित करने की सिफारिश की है. साथ ही समिति ने यहां आने वाले पर्यटकों से पंजीकरण शुल्क वसूलने और इस रकम का इस्तेमाल शहर के कूड़ा प्रबंधन और स्वच्छता पर खर्च करने की सलाह दी है.
जोशीमठ भूमि धंसाव के चलते लोगों के घरों में दरार पड़ने की घटना के मद्देनजर तथा मीडिया में मसूरी को लेकर प्रकाशित खबर जिसमें कहा गया था कि ‘जोशीमठ मसूरी के लिए एक चेतावनी है’ पर संज्ञान लेते हुए इसी साल जनवरी में एनजीटी ने समिति का गठन किया था. समिति को मसूरी की वहन क्षमता का अध्य्यन कर रिपोर्ट पेश करने कहा गया था. समिति ने ट्रिब्यूनल में पेश अपनी रिपोर्ट में कई नियामक कदमों का सुझाव दिया है.
करीब 12 लाख लोग मसूरी घूमने आए समिति ने कहा है कि मसूरी उत्तराखंड में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और वर्ष 2000 के बाद से ही इस मनोरम जगह पर आने वालों की संख्या में लगातर बढ़ोतरी हो रही है.
मसूरी को जोशीमठ की राह पर जाने से बचाने के लिए सुझाव समिति ने अपनी रिपोर्ट में मसूरी को जोशीमठ की राह पर जाने से बचाने के लिए निवारक और उपचारात्मक उपाय सुझाए हैं. समिति ने पिछले कुछ सालों में मसूरी में अनियोजित और बिखरे हुए बुनियादी ढांचे के विकास का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुरंग, होटल और अस्पतालों जैसी प्रमुख नागरिक संरचना परियोजनाओं को विस्तृत इंजीनियरिंग भूवैज्ञानिक और भू-तकनीकी जांच के बाद ही मंजूरी दी जानी चाहिए.
वाहनों का बढ़ता दबाव बना मुसीबत
पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल शहर में यहां की आबादी के लगभग बराबर पर्यटक पहुंचते हैं. हर दिन चौपहिया और दोपहिया वाहनों का बोझ लगभग दस गुना तक बढ़ जाता है. इसी साल सीजन के दौरान रोज 30 से 40 हजार तक पर्यटक तथा तीन हजार वाहन नैनीताल पहुंचे. वहीं, मसूरी में पीक सीजन यानी मई-जून में सभी होटलों के कमरे भरे रहते हैं. हालांकि ऑफ सीजन में 20 फीसदी ही बुकिंग होती है. साल में करीब 20 लाख तक पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं.
डेनमार्क प्रदूषण से बचाव के लिए सरकार ने डेनमार्क के बीच से क्रूज शिप की आवाजाही पर रोक लगा रखी है. पर्यटन मंत्रालय के अनुसार सालाना दो करोड़ लोग पर्यटन के लिए आते हैं. शहरों के बीच से बड़े-बड़े जहाजों के गुजरने से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा था.
भूटान पहाड़ों की गोद में बसा भूटान प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने के लिए सस्टेनेबिलिटी शुल्क लेता है. कार्बनमुक्त देश पर्यटकों से कुछ स्थानों पर एक दिन के लिए 200 डॉलर करीब 16 हजार रुपये वसूलता है.
जमैका वर्ल्ड बैंक के अनुसार 14 कैरेबियाई देशों ने समुद्र में प्रदूषण को रोकने के लिए समद्र के किनारे स्थित पर्यटन स्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है. ट्रिनिडाड, टोबैगो, जैसे देशों ने समुद्र के किनारे खाने पीने के पैक सामान पर भी रोक लगाई है. यहां खाने पीने का सामान केले के पत्ते में लपेटकर दिया जाता है.
नीदरलैंड नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम में पर्यटकों को कम करने तथा प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए क्रूज जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. एम्स्टर्डम की परिषद ने क्रूज जहाजों पर प्रतिबंध लगाया है. एम्स्टर्डम के मुख्य रेलवे स्टेशन के पास नदी पर केंद्रीय क्रूज़ टर्मिनल भी बंद हो जाएगा.