श्रीरामजन्म भूमि में सुंदर नक्काशी से सजी रामलला गर्भगृह की छत
अयोध्या. श्रीरामजन्म भूमि में निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में विराजित होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की व्यापक तैयारियां अलग-अलग मोर्चों पर शुरू हो चुकी हैं. इसी कड़ी में ताजा तस्वीर राम मंदिर के गर्भगृह की मेहराबदार छत की साझा की गई है जिसमें खूबसूरत मीनाकारी साफ दिखाई देती है.
चार महीने बाद से राममय होगा अयोध्या सहित पूरे देश में वातावरण को राम मय बनाने की भी योजना है. अयोध्या में दिसंबर से ही राम मय वातावरण बनाने के लिए ौयारियां भी शुरू कर दी गई है.
25 हजार श्रद्धालुओं के भोजन की योजना बनी श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र का मानना है कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं का अनुमान लगाना कठिन है. फिर भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं की चार अलग-अलग श्रेणियां बनाई गयी है.
तीर्थ क्षेत्र ने चारों श्रेणियों से इतर मध्यम वर्ग के श्रद्धालुओं के भोजन एवं आवास के प्रबंध की योजना बनाई है. इन सभी श्रद्धालुओं को कम से कम दूरी तय करनी पड़े, इसके लिए यह भी योजना बनाई है कि इन मध्यम वर्गीय लोगों के लिए श्रीरामजन्म परिसर के दो किलोमीटर की त्रिज्या खाली मैदानों को चिन्हित किया गया है और सम्बन्धित भू- स्वामियों से सहमति भी ले ली गयी है. इन खाली मैदानों में 15 जनवरी से 15 फरवरी तक के लिए टेंट सिटी बनाने का निर्णय लिया है जिसमें निवास व शौचालय की व्यवस्थाएं भी की जाएंगी.
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भुगतान करेगा तीर्थ क्षेत्र तीर्थ क्षेत्र ने प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर एक अपील करने के साथ ऐसी रणनीति भी बनाने की तैयारी शुरू की है . इससे देश के विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु तिथि वार अयोध्या दर्शन के लिए आ सकें और उन्हें असुविधा का सामना न करना पड़े.
कारीगरों के परिश्रम की खूबसूरत दिखने लगी
अयोध्या. श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में देश की सर्वश्रेष्ठ मेधा का उल्लेख हो रहा है. वहीं निर्माण इकाईयों के अधीन कार्यरत श्रमिकों व कारीगरों के परिश्रम समर्पण की खूबसूरती भी अब दिखाई देने लगी है. श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने इस ओर भी देशवासियों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए लगातार ऐसी तस्वीरें साझा की जा रही है जिसमें सुंदरतम नक्काशी का नमूना परिलक्षित हो रहा है.
यह भी योजना बनी है कि विभिन्न प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए दुभाषिया कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रित किया जाए.