छत्तीसगढ़

Dengue Outbreak: डेंगू से दो भाइयों की मौत, 32 का जारी है इलाज, 70 वार्डों में चलेगा विशेष अभियान

 Raipur News छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में सप्ताहभर के भीतर डेंगू से पीड़ित सगे भाइयों की माैत का मामला सामने आया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पुष्टि नही की है। बताया जाता है कि तेलीबांधा गली नंबर 3, जय जवान चौक निवासी रामेश्वर साहू के छोटे बेटे 23 वर्षीय प्रकाश साहू की विगत एक सप्ताह पहले तबीयत खराब हुई थी। तेलीबांधा स्थित निजी अस्पताल में डेंगू का इलाज चल रहा था। विगत चार दिनों पहले उसकी मौत हो गई। रामेश्वर साहू अभी छोटे बेटे की मौत से उबरे भी नहीं थे कि सोमवार को बड़े बेटे 27 वर्षीय संजू साहू की भी मौत हो गई है। संजू साहू उर्फ उर्फ श्रवण का देवेंद्रनगर स्थित निजी अस्पताल में डेंगू का इलाज चल रहा था।

इधर, आंबेडकर अस्पताल में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। वर्तमान में डेंगू के 32 मरीज वार्ड में भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। अस्पताल में रोजाना चार से पांच मरीज भर्ती हो रहे हैं। जुलाई और अगस्त में डेंगू के 104 मरीज भर्ती हो चुके हैं। अगस्त में ही करीब 90 मरीज भर्ती हुए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रदेशभर में विगत आठ माह में डेंगू के 247 मरीज ही मिले हैं। इसमें सबसे अधिक दुर्ग के 104 मरीज शामिल हैं। रायपुर में आठ केस मिले हैं। डेंगू से अभी तक एक भी मौत नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेलीबांधा में डेंगू पीड़ितों के मौत की जांच कराई जाएगी।

आयुष्मान कार्ड से भी डेंगू का इलाज

राजधानी में विगत एक सप्ताह पहले डेंगू संक्रमित दो लोगों की मौत का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को संक्रमितों की जानकारी देने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी निजी अस्पताल संचालक डेंगू मरीजों की जानकारी नहीं दे रहे हैं। राजधानी के निजी अस्पतालों में बड़ी सख्या में डेंगू के मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का इलाज आयुष्मान योजना में भी शामिल हैं। यदि कोई निजी अस्पताल डेंगू मरीज की जानकारी नहीं देते हैं तो आयुष्मान कार्ड में डेंगू का क्लेम ब्लाक नही होगा।

शासकीय संस्थानों में जांच व इलाज नि:शुल्क

एम्स, आंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल समेत प्रदेश के सभी शासकीय संस्थानों में डेंगू की जांच व इलाज निश्शुल्क है। जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के भर्ती के लिए 40 बिस्तरों का अलग से वार्ड बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि डेंगू का एलाइजा टेस्ट जरूरी है। निजी अस्पताल संचालक भी डेंगू का एलाइजा टेस्ट के लिए आंबेडकर और जिला अस्पताल में सैंपल भेज सकते हैं।

महामारी नियंत्रण संचालक डा सुभाष मिश्रा ने बताया कि निजी अस्पतालों को डेंगू मरीजों की जानकारी देना अनिवार्य है, ताकि कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग की जा सके। आयुष्मान योजना से भी लोग डेंगू का इलाज करा सकते हैं। डेंगू से किसी की मौत हो जाती है तो उसकी जांच के लिए टीम गठित है। तेलीबांधा में किसी की मौत हुई है तो उसकी जांच कराई जाएगी। प्रदेश में डेंगू से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है।

शहर के 70 वार्डों में चलेगा विशेष अभियान

नगर निगम की ओर से डेंगू के प्रति बचाव और जनजागरूकता लाने के लिए मंगलवार से एक सप्ताह तक सभी 10 जोनों के 70 वार्डों विशेष अभियान चलाया जाएगा। महापौर एजाज ढेबर, स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष नागभूषण राव, आयुक्त मयंक चतुर्वेदी ने घर-घर जाकर विंडो कूलरों में भरे पानी को तत्काल खाली कराने, बुखार पीडितों की जानकारी प्राथमिकता से प्राप्त करने, एंटी लार्वा का छिड़काव और फागिंग अभियान चलाने के सभी जोन कमिश्नरों, जोन स्वास्थ्य अधिकारियों, सहायक जोन स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वच्छता निरीक्षकों को दिए हैं।

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