नई दिल्ली . खराब उत्पाद और सेवाओं की शिकायत करना और आसान होने जा रहा है. खाद्य पदार्थ पर लगने वाले लेबल या क्यूआर कोड के माध्यम से उपभोक्ता सीधे कंपनी के प्रतिनिधि से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क साधकर कोई भी जानकारी या सवाल पूछ सकेंगे. कई कंपनियों ने इस सुविधा पर काम करना शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में यह उपलब्ध हो जाएगी.
कई देशों में शुरुआत विशेषज्ञों का कहना है कि पैकेटबंद खाद्य पदार्थों को लेकर उपभोक्ता जागरूक हो रहे हैं और उन्हें पूरी जानकारी चाहिए. यह बात कंपनियां भी समझ रही हैं, इसीलिए नई तकनीक वाले क्यूआर कोड पर काम किया जा रहा है. इस तकनीक का इस्तेमाल जर्मनी की कुछ कंपनियों ने शुरू किया है. भारत में कई कंपनियां इसकी तैयारी में लगी हुई हैं. जल्द ही यह तकनीक भारत में भी होगी.
90 फीसदी शिकायतों का निपटारा हेल्पलाइन के जरिए ही होता है
07 लाख से ज्यादा शिकायतें आती हैं हर साल उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के पास फीसदी शिकायतें फोन हेल्पलाइन पर आती हैं .
सरकार के सख्त दिशा-निर्देश
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कंपनियों को दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर ऐसे लेबल लगाए जाएं जो सरल और पढ़ने लायक हों. इसके बाद से उत्पादों की लेबलिंग में तेजी से सुधार हुआ है. बड़े ब्रांड अपने पैकेट में क्यूआर कोड छाप रहे हैं, जिसको स्कैन करने से खाद्य पदार्थ के उत्पादन और उपयोग की गई सामग्री की मात्रा की जानकारी मिल जाती है. हालांकि, अब भी कई उत्पादों में स्पष्ट जानकारी नहीं लिखी रहती है.