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अच्छी सेहत के लिए बैठे न रहिए

विशेषज्ञ कहते हैं कि देर तक बैठे रहना सेहत के लिए धूम्रपान जितना ही हानिकारक है. इससे मांसपेशियां तो कमजोर होती ही हैं, मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है. कुछ बातों का ध्यान रखना, सेहत पर देर तक बैठे रहने के असर को कम कर सकता है .

काम आएंगे ये व्यायाम

लंबे समय तक बैठने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव का एकमात्र उपाय है कि प्रत्येक सप्ताह व्यक्ति कम-से-कम 150 मिनट व्यायाम करे. मांसपेशियों को लचीला बनाने के लिए बैठने के लंबे अंतराल को बीच-बीच में तोड़ना जरूरी है. समय-समय पर उठने और घूमने के बहाने ढूंढ़ें. इसकी याद दिलाने के लिए मोबाइल में टाइमर सेट भी कर सकते हैं. अच्छी बात यह है कि कुछ व्यायाम आप ऑफिस की सीट पर बैठे रहकर भी कर सकते हैं.

डेस्क डंकी किक्स

तकनीक ने कार्य संस्कृति को काफी बदल दिया है. ज्यादातर क्षेत्रों में कार्य शैली डिजिटल रूप ले चुकी है. ऐसे में घर से ही काम करने की सहूलियत होने पर देर तक बैठे रहने की गुंजाइश और अधिक बढ़ गई है. शोध और एक्सपर्ट बताते हैं कि शारीरिक निष्क्रियता बीमारी का सबसे बड़ा कारण बनती जा रही है. हर साल 53 लाख लोगों की मृत्यु शारीरिक निष्क्रियता के कारण हो जाती है. लगातार 8-10 घंटे कुर्सी पर बैठे रहने से न सिर्फ मांसपेशी और हड्डी कमजोर हो रही हैं, शरीर के विभिन्न अंगों पर भी बुरा असर पड़ रहा है. लंबे समय तक बिस्तर पर लेटे रहना, हृदय तंत्र के साथ-साथ पाचन रोगों का शिकार बना रहा है.

हो रही हैं ये समस्याएं

● बवासीर सूडान जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के अनुसार, 5 घंटे से अधिक समय तक लगातार बैठकर काम करते रहने से पाइल्स होने का खतरा बढ़ जाता है. इस कारण पर कम गौर किया जाता है, पर अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, आपकी चलने-फिरने की गतिविधियां कम हैं तो ये बवासीर का कारण बन सकता है. नियमित व्यायाम और समय-समय पर सीट से उठते रहना जरूरी है.

● पीठ दर्द हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के हेल्थ एजुकेशन डिविजन ने लंबे समय तक डेस्क जॉब करने वाले लोगों का अध्ययन किया है. इसके अनुसार, लंबे समय तक बैठे रहना पीठ दर्द का कारण बन जाता है. इससे पीठ, गर्दन, हाथ और पैरों का तनाव बढ़ सकता है. खासकर, बैठने की सही व्यवस्था न होना, गलत पॉस्चर, पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी की डिस्क पर दबाव डालते हैं. मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो सकती है. यहां तक कि लंबे समय तक बिना मूवमेंट कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करते रहना गर्दन व कंधे के जोड़ों में तेज दर्द का कारण बन जाता है.

● डायबिटीज हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोध बताते हैं कि लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर का मेटाबोलिज्म प्रभावित हो सकता है. इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ जाती है और टाइप-2 डायबिटीज होने का जोखिम कई गुना बढ़ सकता है. मांसपेशियां शिथिल होने पर खून से ग्लूकोज ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है.

● मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ की स्टडी के अनुसार, 5 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहने पर सबसे अधिक मांसपेशियों पर बुरा असर होता है. इससे हिप फ्लेक्सर और हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं. जोड़ सख्त होने लगते हैं. इसके कारण चलने-फिरने में दर्द होता है और शरीर का संतुलन भी प्रभावित होता है. पीठ के निचले हिस्से में दर्द और घुटने में स्टिफनेस, पिंडली व टखने के आसपास के हिस्सों में सूजन आ सकती है.

● वजन बढ़ना इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के अनुसार व्यायाम से परे रोजमर्रा की गतिविधियां जैसे खड़े होना, चलना, तेजी से चलना, किसी भी रूप में हिलने-डुलने पर कैलारी की खपत होती है. ऊर्जा की यह खपत गैर व्यायाम गतिविधि या थर्मोजेनेसिस कहलाती है. इसकी कमी से वजन बढ़ने लगता है. इनके अलावा लंबे समय तक बैठने से हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, थायरॉइड, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है.

इन अंगों पर पड़ता है ज्यादा असर

लंबे समय तक बैठे रहने से ग्लूटियल मांसपेशियों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. मांसपेशियां कमजोर होने से चलने व संतुलन बनाने में दिक्कत हो सकती है.

डेस्क प्लैंक

यह व्यायाम आपके कंधों और कोर के लिए फायदेमंद है. अपने शरीर को सीधा रखते हुए अपनी डेस्क पर झुकें. पीठ सीधी होनी चाहिए. आपकी कोहनी और बाजू का आगे का हिस्सा सतह के विपरीत होना चाहिए. हाथ शरीर के दोनों ओर होने चाहिए. इस मुद्रा में कम से कम 30-45 सेकंड तक रहें.

हिप मार्चिंग

यह वर्कआउट आपके कूल्हों और जांघों को मजबूत बनाने के साथ-साथ शरीर में लचीलापन बढ़ाता है. सबसे पहले सीधे बैठ जाएं. अपनी कुर्सी पर पीछे की ओर न झुकें. कुर्सी की साइड को पकड़े रहें. अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़कर जितना हो सके ऊपर उठाएं. नियंत्रण के साथ, आपने पैर को नीचे करें. यह प्रक्रिया दूसरे पैर से भी दोहराएं. प्रत्येक पैर को 5 बार उठाएं.

यह व्यायाम स्थिरता और टोनिंग के लिए बहुत अच्छा है. यह ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग पर असर डालता है. डेस्क पर झुकें और एक पैर पर खड़े होकर 90 डिग्री तक अपना दूसरा पैर पीछे उठाएं. कुछ देर रुकें और धीरे-धीरे पैर वापस लाएं. दोनों तरफ से कम-से-कम 10 बार इस व्यायाम को करें.

ट्राइसेप डिप्स

यह व्यायाम ट्राइसेप्स और छाती को टोन करता है और उसे मजबूती देता है. कुर्सी को अपने पीछे रखें और अपनी हथेलियों को कुर्सी पर फ्लैट रखें. एड़ियां जमीन पर रखें और पैरों को अपने सामने रखें. अपने शरीर को तब तक नीचे करें, जब तक कि आपके बाजू का ऊपरी हिस्सा प्रैक्टिकल रूप से जमीन के समानांतर न हो जाएं. प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं. कम-से-कम 10 बार दोहराएं.

ऑबलिक ट्विस्ट

यह एक्सरसाइज आपके पेट के दोनों तरफ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. अपने पैरों को कुर्सी के किनारे पर फर्श पर सपाट रखें. एब्स को सिकोड़ते हुए 45 डिग्री के कोण पर बैठें. अपने हाथ को अपने सामने सीधा रखें. हाथ को शरीर के साथ सीधा रखते हुए धीरे-धीरे दाईं ओर मुड़ें. 10 सेकंड के लिए स्थिर रहें. अब बायीं ओर ऐसा करें. इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.

चेयर काफ रेजेज

यह व्यायाम पिंडलियों को मजबूत करने के साथ आपको सक्रिय रूप से दौड़ने, कूदने और संतुलन बनाने में मदद करता है. पीठ को सहारा न देते हुए अपनी कुर्सी पर सीधे बैठें. पैर कंधे की चौड़ाई जितना अलग हों. एड़ियों को धीरे-धीरे उठाएं. इसी अवस्था में रहें. वजन बढ़ाने के लिए गोद में कोई भारी चीज रखें.

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