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आदित्य-एल1 सात वैज्ञानिक उपकरणों से अध्ययन करेगा

आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट और प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य नामक उपकरण सौर पवन और ऊर्जा आयन के साथ-साथ ऊर्जा वितरण का अध्ययन करेंगे.

सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर और हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एचईएल1ओएस) विस्तृत एक्स-रे ऊर्जा क्षेत्र में सूर्य से आने वाली एक्स-रे फ्लेयर का अध्ययन करेंगे.

मैग्नेटोमीटर नामक उपकरण एल1 बिंदु पर अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापने में सक्षम है.

सूर्य इसलिए खास

हमारी पृथ्वी जिस सौर प्रणाली में है, उसका केंद्र सूर्य ही है. सभी आठ ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते हैं. सूर्य की वजह से ही पृथ्वी पर जीवन है. सूर्य से लगातार ऊर्जा निकली है. इन्हें हम चार्ज्ड पार्टिकल्स कहते हैं. सूर्य का अध्ययन करके यह समझा जा सकता है कि सूर्य में होने वाले बदलाव अंतरिक्ष को और पृथ्वी पर जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.

विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी)

सूर्य के परिमंडल और सीएमई की गतिशीलता का अध्ययन करेगा. वीईएलसी यान का प्राथमिक उपकरण है, जो इच्छित कक्षा तक पहुंचने पर विश्लेषण के लिए प्रतिदिन 1,440 तस्वीरें धरती पर स्थित केंद्र को भेजेगा. यह आदित्य-एल1 पर मौजूद सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण उपकरण है.

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