देश के एकमात्र भारतीय रेलवे के विश्वविद्यालय में नागरिक उड्डयन व लॉजिस्टिक क्षेत्र के पेशेवर भी तैयार होंगे. इसके लिए विश्वविख्यात एयरबस और गति शक्ति विश्वविद्यालय-वड़ोदरा, गुजरात के बीच गुरुवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. इससे विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस संबंधी पाठ्यक्रम, शिक्षा, शोध, प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति व विदेशी संस्थानों से सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उक्त करार के पश्चात नागरिक उड्डयन और लॉजिस्टिक से संबंधित पाठ्यक्रमों को तैयार किया जाएगा. भविष्य में गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) विश्वस्तरीय प्रतिभाओं का केंद्र बनेगा. वैष्णव ने बताया कि जीएसवी में ट्रेन परिचालन, डिजाइन, इंजन-कोच-वैगन, हाई स्पीड आदि इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा (बी.टेक) दी जा रही है. यहां राष्ट्रीय राजमार्ग, मेट्रो, जलमार्ग, जहाजरानी, बंदरगाह सहित अब नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए बेहतरीन पेशेवर तैयार किए जाएंगे. एयरबस के विशेषज्ञ जीएसवी में नागरिक उड्डयन की तकनीकी शिक्षा देंगे. वर्तमान में जीएसवी में बी.टेक के पांच व एमबीए के दो पाठ्यक्रम लागू हैं. जीएसवी की विशेषता यह है कि यह पढ़ने वाले छात्रों को 100 फीसदी नौकरी कैंपस सेलेक्शन से होती है. जीएसवी के कुलपति मनोज चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय में तमाम परिवहन उद्योग में मांग के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार किए जाते हैं. इसमें 20 फीसदी रेलवे इंजीनियरिंग से जुड़े पाठ्यक्रम होते हैं. 20 फीसदी पढ़ाने वाले फील्ड के विशेषज्ञ होते हैं. इसमें दक्षिण एशिया के अध्यक्ष रेमी माइलर्ड, रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष व सदस्यगण मौजूद थे.