छत्तीसगढ़ में बीते पांच सालों में अभूतपूर्व विकास हुआ है. नीति आयोग की रिपोर्ट देखें तो बीते पांच सालों में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आ गये हैं. हमारी सरकार ने जनता से जो भी वायदे किये, उन्हें सरकार ने पूरा किया. यह बात राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजनांदगांव के ग्राम ठेकवा में आयोजित ’भरोसे का सम्मेलन’ में मुख्य अतिथि के रूप में कही. सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की. इस दौरान 355 करोड़ 23 लाख रुपए के 1867 विकास कार्यों के लोकार्पण भूमिपूजन की सौगात राजनांदगांव के निवासियों को दी. साथ ही 3 करोड़ 25 लाख की सामग्री भी वितरित की गई.
इस मौके पर श्री खड़गे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार दलितों की, गरीबों की, पिछड़ों की और किसानों की सरकार है. गांधी जी यह कहते थे कि मैं ऐसे भारत का निर्माण करना चाहता हूँ जहाँ गरीब से गरीब आदमी भी महसूस करे कि यह देश उसका है. इसी भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ में कार्य किया गया. एक जमाना था जब बहुत कम धान किसानों से खरीदा जाता था. इस साल एक लाख सात हजार मीट्रिक टन धान खरीदा गया है. 19 लाख किसानों का ऋण माफ कर दिया गया. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को फसल का उचित मूल्य मिला. इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ किये गये. लघु वनोपज हम लोग खरीद रहे हैं. आदिवासी भाईबहनों को वनाधिकार दिया गया. श्री खड़गे ने कहा कि हमने बेरोजगारी भत्ता बढ़ाकर 2500 रुपए कर दिया. केंद्र सरकार ने भी छत्तीसगढ़ के मिलेट मिशन की बहुत तारीफ की.
श्री खड़गे ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में आजाद भारत को गढ़ने का कार्य शुरू हुआ. बड़े बड़े उद्योग आये, छत्तीसगढ़ में भी उद्योग खुले. लाखों लोगों को रोजगार मिला. यहां पावर प्लांट खुले, स्टील प्लांट खुले. देश के औद्योगिक विकास की नींव रखी गई. श्री खड़गे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूमि सांप्रदायिक सद्भाव की भूमि है. लोग बहुत सरल सहज हैं. उन्होंने राजनांदगांव की विभूतियों का भी इस अवसर पर स्मरण किया. उन्होंने महंत घासीदास, ठाकुर प्यारेलाल और श्री किशोरीलाल शुक्ल जी का स्मरण किया. उन्होंने दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी कन्हैयालाल का भी नमन किया. साथ ही गुरु घासीदास और शहीद वीरनारायण सिंह का भी नमन किया. श्री खड़गे ने कहा कि अभी मैं जांजगीर जिले में भरोसे का सम्मेलन में गया था. वहां मिनी माता के नाम से मेडिकल कालेज का नामकरण किया गया है. यहां शीघ्र ही मेडिकल कालेज आरंभ होगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह मुक्तिबोध की धरती है. हमारे लोक-कलाकारों की धरती है. संस्कारधानी से निकले कलाकारों को नमन करता हूँ. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सबको खाद्य सुरक्षा देने का कार्य किया. सबका राशन कार्ड बन रहा है. हम किसानों से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान भी खरीदने वाले हैं. कोरोना महामारी के बावजूद हमने किसानों से धान की खरीदी जारी रखी. हम हमेशा किसान, मजदूर के हित में काम करते हैं. हम दो रुपए में गोबर खरीदते हैं. आज गौपालक हो, किसान हो, बेरोजगार साथी हो, हम विभिन्न योजनाओं से सबके खाते में पैसे डाल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आम जनता को ताकतवर बनाने का काम करते हैं. हमने फैसला किया है कि सात लाख लोगों को पक्की छत देना है. हमने अभी जो सामाजिक आर्थिक सर्वे कराया है उसमें 47 हजार लोग ऐसे मिले हैं जिन्हें मकान चाहिए, उन्हें हम मकान दिलाएंगे.
शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों के संबंध में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने के लिए काम किया है. 30 हजार शिक्षकों की भर्ती की है. पुरानी पेंशन स्कीम पुनः आरंभ की है. कोटवारों, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया है. इस मौके पर उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, आदिम जाति कल्याण मंत्री मोहन मरकाम, बस्तर सांसद दीपक बैज ने भी संबोधित किया. इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, विधानसभा अध्यक्ष डा. चरण दास महंत भी मौजूद रहे. साथ ही वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिव डहरिया, राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.