छत्तीसगढ़

अब बायोमेट्रिक व्यवस्था से होगी धान खरीदी, गड़बड़ी पर लगेगी रोक

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद आगामी खरीफ सीजन में किसानों से बायोमेट्रिक व्यवस्था से धान खरीदी होगी। इसके लिए अभी तक प्रदेश के लगभग पांच लाख किसानों के पंजीयन का कार्य पूर्ण हो चुका है। बायोमेट्रिक धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में किसानों को जानकारी देने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं। सहकारी समितियों ने बैनर- पोस्टर लगाना शुरू कर दिया है।

इसके अलावा कृषि एवं सहकारिता से संबंधित संगठनों की बैठक लेकर किसान पंजीयन की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले को लेकर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आगामी खरीफ विपणन वर्ष की धान खरीदी एवं कस्टम मीलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक हुई। बैठक में कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू भी वीडियो काफ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में खाद्य मंत्री ने बताया कि बायोमेट्रिक व्यवस्था से धान खरीदी की जाएगी।

20 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से होगी खरीदी

आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-2024 में 20 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी का निर्णय लिया गया है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक नवंबर-2023 से धान खरीदी बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत शुरू होगी और 31 जनवरी 2024 तक चलेगी। इसी तरह मक्का खरीदी भी एक नवंबर 2023 से ही शुरू होगी और 28 फरवरी 2024 तक चलेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष में किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है।

6400 करोड़ के लिए बनाया दबाव

राज्य सरकार ने केंद्रीय पूल में जमा चावल के विरूद्ध केंद्र सरकार से लेनदारी की राशि 6400 करोड़ रूपये देने की मांग की है। बीते वर्ष लगभग ढाई लाख नवीन किसानों ने पंजीयन करवाया था और किसानों से रिकार्ड 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। किसानों के धान विक्रय में सहुलियत को ध्यान में रखते हुए उपार्जनों केंद्रों की संख्या में लगातार वृद्धि की जा रही है। किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष और भी कुछ धान उपार्जन केंद्र खुलेंगे। वर्तमान में 2617 धान उपार्जन केंद्र संचालित है।

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