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वैज्ञानिकों ने जीभ के छठे स्वाद का पता लगाया

अभी तक आपने मीठे, खट्टे, नमकीन, कड़वे और कसैले जैसे पांच स्वादों के बारे में सुना होगा. इनका हमारी जीभ अनुभव करती है. लेकिन, एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने छठे स्वाद के बारे में पता लगाया है. उनके मुताबिक यह छठा स्वाद अमोनियम क्लोराइड का है, जो मुख्य रूप से कुछ स्कैंडिनेवियाई टॉफी में पाया जाता है.

नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने सबसे पहले प्रोटीन ओटीओपी 1 को बारे में जानकारी जुटाई, जो खट्टे स्वाद का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह खट्टे पदार्थों के संपर्क में आने पर हाइड्रोजन आयन प्रवाहित करता है.

अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने ओटीओपी-1 प्रोटीन के लिए जिम्मेदार जीन को लैब में विकसित कोशिकाओं में प्रवेश कराया, जिससे इसका उत्पादन करने में सफलता मिली. इसके बाद अमोनियम क्लोराइड की थोड़ी मात्रा कोशिका में प्रवेश कराई गई, जिससे पीएच में वृद्धि हुई और हाइड्रोजन आयन कम हो गए. वहीं, चूहों की स्वाद कोशिकाएं में अमोनियम क्लोराइड की प्रतिक्रिया से ज्यादा वृद्धि देखी गई. जबकि, ओटीओपी1 की कमी वाली कोशिकाओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई. शोधकर्ताओं ने बताया कि े विभिन्न प्रजातियों के बीच अमोनियम क्लोराइड को लेकर अलग-अलग संवेदनशीलता नजर आई.

साल्ट लिकोरिस पसंदीदा स्कैंडिनेवियाई टॉफी

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अध्ययन के सह-लेखक एमिली लिमन ने इंडिपेंडेंट को बताया कि शोध में अमोनियम क्लोराइड के अनूठे स्वाद पर प्रकाश डाला गया है, जो कुछ स्कैंडिनेवियाई टॉफी में पाया जाता है. बता दें कि उत्तरी यूरोप के तीन देशों को स्कैंडिनेवियाई देश कहते हैं. इनमें नॉर्वे, स्वीडन और डेनमार्क शामिल हैं. इन देशों में तैयार होने वाली टॉफी को स्कैंडिनेवियाई टॉफी कहते हैं. साल्ट लिकोरिस सबसे पसंदीदा स्कैंडिनेवियाई टॉफी है, जिसमें आमतौर पर अमोनियम क्लोराइड होता है.

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