
तीस साल की उम्र में होने वाली टाइप 2 मधुमेह पीड़ित का जीवन के 14 साल तक कम कर सकता है. अंतराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. अध्ययन में ये भी बताया गया है कि 19 उच्च आय वाले देशों से प्राप्त आंकड़ों से पता चला है कि जिन लोगों को 50 साल की उम्र में डायबिटीज होता है उनकी जीवन प्रत्याशा में छह साल तक की कमी देखी गई है. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं की मदद से किए इस अध्ययन के नतीजे जर्नल द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित हुए हैं.
अध्ययन के मुताबिक टाइप 2 मधुमेह से दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी संबंधी समस्याओं और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अध्ययन के लिए कैम्ब्रिज और ग्लासगो विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं ने इमर्जिंग रिस्क फैक्टर्स कोलैबोरेशन और यूके बायोबैंक के आंकड़ों का विश्लेषण किया. इसमें कुल 15 लाख लोग शामिल थे. अध्यन के नतीजे दर्शाते हैं कि जितनी कम उम्र में मधुमेह सामने आता है, जीवन प्रत्याशा उतनी कम रह जाती है. सामान्य तौर पर, हर दस साल पहले मधुमेह का होना जीवन प्रत्याशा में चार वर्षों की कमी से जुड़ा था.
महिलाओं को ज्यादा खतरे की संभावना
अध्ययन के मुताबिक महिलाओं के लिए यह कहीं ज्यादा घातक हैं. आंकड़ों के मुताबिक जिन महिलाओं में इस बीमारी का पता 30 की उम्र में चल गया था उनकी मृत्यु औसतन 16 वर्ष पहले हो गई.