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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पांच लाख गांवों को भेजी पाती

अयोध्या . अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले कार्यक्रम की शुरुआत रविवार को अस्थायी राममंदिर में विराजमान रामलला के समक्ष अक्षत पूजन के साथ हुई. पूजन अहोई अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया.

इस पूजित अक्षत चावल को देशभर में पांच लाख गांवों के लगभग 62 करोड़ भक्तों तक विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत प्रमुखों के जरिए पहुंचाया जाएगा. अक्षत पूजन के लिए मंगला आरती के समय विराजमान रामलला के समक्ष पांच कुंतल चावल को हल्दी व देशी घी मिलाकर पीतल के बर्तन में रखा गया था. इसके बाद श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी व पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ ने रामलला के दरबार में ही एक-एक प्रांत प्रमुख को एक-एक कलश सौंपा. विहिप संगठन के 45 प्रांतों से आए प्रमुख सिर पर इन कलशों को रखकर मंदिर परिसर से बाहर आए.

परिसर में यज्ञशाला निर्माण के लिए भूमि पूजन श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के भवन निर्माण समिति की बैठक के पहले दिन चर्चा ही हो सकी. बैठक में कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी एलएण्डटी के परियोजना निदेशक ने दी.

अक्षत के साथ समारोह का विवरण भी होगा

पूजित अक्षत चावल देशभर में पांच लाख गांवों में पहुंचाया जाएगा. इस अक्षत के साथ एक पाती व राम मंदिर के नवीन मॉडल का चित्र भी भेजा जाएगा. पाती में 16 जनवरी से अयोध्या में शुरू हो रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विवरण होगा. साथ ही प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में अपने गांव के मंदिरों में उत्सव मनाने का आमंत्रण भी होगा.

102 दिवसीय अभियान

संघ परिवार ने राम मंदिर को राष्ट्र मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित करने की रणनीति के तहत 102 दिनों का अभियान छेड़ दिया है. भेजे गए पूजित अक्षत का प्रांत-जिला व प्रखंड स्तर पर भी पूजन सम्बन्धित क्षेत्र के मंदिरों में किया जाएगा. अक्षत रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि 22 जनवरी से पहले देशभर में वितरित किया जाएगा.

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