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बिना लेनदेन वाले डीमैट खाते 12 महीने बाद निष्क्रिय होंगे

बाजार नियामक सेबी डीमैट खातों को निष्क्रिय घोषित करने की समयसीमा बढ़ाने की तैयारी में है. नए प्रस्ताव के तहत अब 12 महीने तक डीमैट खाते में किसी तरह का लेनदेन न होने पर उसे निष्क्रिय माना जाएगा. पहले यह समय अवधि छह माह थी. इस कदम से निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी.

बताया जा रहा है कि डीमैट खातों की डॉरमेंसी (निष्क्रियता) पर सेबी के नए नियम जल्द लागू हो सकते हैं. सभी एक्सचेंज और डिपॉजिटरीज में एक समान नियम लागू होंगे. मौजूदा नियमों के मुताबिक शेयर बाजार में सक्रिय डीमैट खाता या सक्रिय निवेशक उसे माना जाता है, जो सालभर में कम से कम एक बार शेयर खरीदने या बेचने के लिए सौदा डालता है.

ऐसे मामलों में माना जाएगा सक्रिय नए प्रस्ताव के मुताबिक, 12 माह तक शेयर की खरीद-बिक्री न होने पर डीमैट खाता निष्क्रिय माना जाएगा. हालांकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी, राइट्स इश्यू आदि की अर्जी दी गई, तो खाता सक्रिय माना जाएगा. बोनस, स्टॉक स्प्लिट आदि मान्य नहीं होंगे.

नए सुरक्षा मानक आएंगे सेबी के प्रस्ताव में डीमैट खातों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भी नए उपाय होंगे. निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए नए पैमाने लागू हो सकते हैं. साथ ही इन खातों में रखे शेयरों की बिक्री के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति अनिवार्य होगी. प्राप्त अर्जी का दो बार सत्यापन किया जाएगा.

महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए खुलने वाले डीमैट खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है. आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018 में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी तक थी, जो अब बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गई है.

अक्तूबर में खाते खुलवाने की रफ्तार धीमी पड़ी

शेयर बाजार में अस्थिरता के बीच अक्टूबर में डीमैट खाता खुलवाने की रफ्तार गति धीमी पड़ी है. पिछले महीने कुल 26.8 लाख नए खाते खोले गए. सितंबर में यह आंकड़ा 30.6 लाख था. पिछले दो माह से 30 लाख नए खाते खुल रहे थे लेकिन अक्तूबर में यह इससे कम रहा. इसके साथ ही देश में कुल डीमैट खातों की संख्या 13.2 करोड़ पहुंच गई है. इनमें से सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज में लगभग 9.85 करोड़ और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी में 3.38 करोड़ से भी ज्यादा खाते हैं.

75 फीसदी निवेशक सक्रिय नहीं

सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में डीमैट खातों की संख्या तो रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन सक्रिय ट्रेडर्स के आंकड़ों में गिरावट देखी जा रही है. आंकड़े के मुताबिक, पिछले साल तक देश में सक्रिय डीमैट खातों का आंकड़ा 3.5 करोड़ के करीब था, जो इस साल मार्च के अंत में घटकर 3.19 करोड़ रह गया. वहीं, अगस्त में सिर्फ 3.15 सक्रिय खाते ही बचे थे. यानी कुल डीमैट खातों में 75 फीसद से ज्यादा सक्रिय नहीं हैं.

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