महामंगलयोग के साथ धनतेरस आज, खूब करिए खरीदारी

सुख, शांति, वैभव और समृद्धि की प्रतीक दिवाली के पंचपर्वों की शृंखला का प्रारंभ 10 नवंबर धनतेरस से हो रहा है. इस बार दो दिन अमावस्या रहने के कारण यह पंच पर्व छह दिन का हो गया है. धनतेरस से लेकर दीपावली तक कई शुभ संयोग मिल रहे हैं. इसलिए जमकर खरीदारी करें…
नया सामान लाने की परंपरा
10 नवंबर को त्रयोदशी तिथि दोपहर 1235 से शुरू होगी. इसके बाद से खरीदारी के मुहूर्त प्रारंभ हो जाएंगे. धनतेरस पर नवीन वस्तुएं लाने, नए वाहन खरीदने और किसी भी प्रकार की धातु (सोना-चांदी) खरीदने की परंपरा है.
खरीदारी के शुभ मुहूर्त ( 10 नवंबर, शुक्रवार)
दोपहर 1235 से 124 बजे तक-शुभ चौघड़िया
दोपहर 130 से 242 बजे तक-स्थिर लग्न
शाम 406 से 526 बजे तक-चर चौघड़िया
शाम 543 से 739 बजे तक-स्थिर लग्न
रात्रि में 845 से 1024 बजे तक -लाभ चौघड़िया
कैसे करें पूजा
धनतेरस पर मुख्य रूप से यम और कुबेर की पूजा होती है. शाम को पांच दीपक सरसों के तेल के जलाएं. एक दीपक रसोई में और एक दीपक घर की दहलीज पर रखें. तीन दीपक पूजा स्थल पर ही रहने दें. उसके बाद आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं. वहीं, धनतेरस के साथ ही यम की पूजा भी शुरू हो जाती है. धनतेरस पर जब घर के सभी लोग आ जाएं तो यम दीपक घर के बाहर जलता है. इसके बाद कोई घर से बाहर नहीं जाता. ऐसी मान्यता है.
चंद्रमा और शुक्र का योग शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, धनतेरस बाजार के साथ-साथ आम आदमी के लिए भी मंगलकारी है, क्योंकि बरसों बाद शुुभ लक्ष्मी योग बन रहे हैं. शुक्रवार को भी देवी भगवती का ही दिन माना जाता है. इसलिए भी धनतेरस पर महालक्ष्मी की कृपा अधिक रहेगी. ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुसार, चंद्रमा और शुक्र का योग खरीदारी के लिए शुभ संयोग लेकर आया है.
निर्धनों की भी हैं लक्ष्मी
जो समर्थवान नहीं हैं कि वह मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी जी की प्रतिमा, रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला, सतनाजा, कोई भी हरी सब्जी, आयुर्वेदिक दवा आदि की खरीद कर सकते हैं.
महालक्ष्मी का धन प्राप्ति मंत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम
घर पर पूजा का समय
धनतेरस ( 10 नवंबर)
शाम 543 बजे से 739 के बीच (स्थिर लग्न वृष )
ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार, धनतेरस के ही दिन प्रदोष का व्रत भी होगा. धनत्रयोदशी सायंकालीन पूजा स्थल सजाने, यमदीप दान से शुरू होगी और 11 नवंबर को त्रयोदशी अपरान्ह 159 तक रहेगी. इसी दिन धनवन्तरी जयंती है. धनतेरस की खरीदारी 11 नवंबर की दोपहर तक कर सकते हैं. कल ही हनुमान जयंती और नरक चतुर्दशी भी होगी.