
सर्दी का मौसम गठिया पीड़ितों की चुनौती बढ़ा देता है. कई लोगों में मौसम में बदलाव आने के साथ ही सूजन, दर्द व जकड़न के लक्षण दिखने लगते हैं. तापमान में गिरावट और वायुमंडलीय दवाब जोड़ों के टिश्यू पर असर डाल सकते हैं, जिससे गठिया के लक्षण गंभीर हो जाते हैं.
ठंड में शारीरिक सक्रियता भी कम होने लगती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है, जोड़ों पर दबाव बढ़ने लगता है. ठंड का सामना करने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम भी अधिक सक्रिय हो जाता है, जिसकी प्रतिक्रिया सूजन व दर्द बढ़ने के रूप में सामने आ सकती है.
जोखिम वाले उम्र समूह गठिया हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, बड़ी उम्र में मौसम में आने वाले बदलावों के प्रति जोड़ अधिक संवेदनशील हो जाते हैं. खान-पान व जीवनशैली में आए बदलावों के कारण कम उम्र में भी गठिया के मामले बढ़े हैं. मोटापा, मेनोपॉज व हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण भी गठिया की आशंका बढ़ जाती है.
अभी से करें इनका पालन
1. गर्म रहें गर्म कपड़े पहनें. खासकर सुबह व शाम के समय बाहर निकलते समय प्रभावित जोड़ों को ढककर रखें.
2. नियमित व्यायाम करें जोड़ों को सक्रिय रखने व मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित व्यायाम करें. शरीर की क्षमता के अनुसार तैराकी, पैदल चलना और योग करना बेहतर रहेगा. ठंड बढ़ने पर घर में ही शरीर को सक्रिय रखने वाले व्यायाम करें.
3. थेरेपी जिन्हें गठिया की समस्या है, वे शुरुआत में ही लक्षण दिखने पर हॉट एंड कोल्ड थेरेपी लें. फिजियोथेरेपिस्ट से मिलें. हॉट पैक से जोड़ों की जकड़न कम होती है, वहीं कोल्ड पैक से सूजन कम करने में मदद मिलती है.
4. दवाएं डॉक्टर की बताई दवाएं लेते रहें, बीच में खुद से न छोड़ें. दवाएं नहीं लेते हैं और सामान्य उपायों से आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर से जरूर मिलें.
5. सही खानपान ओमेगा-3 फैटी एसिड, फलों और सब्जियों जैसे एंटी-इंफ्लामेट्री फूड को अपने आहार में शामिल करें. जोड़ों को अच्छी तरह से नम रखने के लिए दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं. वजन को काबू रखें. इससे जोड़ों पर दबाव कम होता है व दर्द में कमी आती है.