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एएसआई को सर्वे रिपोर्ट के लिए मोहलत पर आदेश सुरक्षित

वाराणसी . ज्ञानवापी-शृंगार गौरी केस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपने की मोहलत संबंधी प्रार्थना-पत्र पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शनिवार को आदेश सुरक्षित रख लिया. एएसआई के अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया. संभवत कोर्ट सोमवार को आदेश सुना सकती है.

एएसआई की ओर से शुक्रवार को अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट में शुक्रवार को प्रार्थना-पत्र दिया था. प्रार्थना-पत्र में कहा था कि सर्वे रिपोर्ट तैयार हो रही है, लेकिन जीपीआर तकनीक की जांच रिपोर्ट पूरी नहीं होने से उसे जमा करने की समयावधि 15 दिन बढ़ाई जाए. वादिनि राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की अर्जी पर जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर का एएसआई के जरिए वैज्ञानिक सर्वे कराया है. एएसआई ने चार अगस्त से तीन नवम्बर तक सर्वे किया. शुक्रवार यानी 17 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट सौंपनी थी. लेकिन एएसआई की ओर से समय की मांग की गई.

तहखाना निगरानी में देने पर सुनवाई कल जिला जज की कोर्ट से व्यासजी का तहखाना डीएम की निगरानी में सौंपने और पूजा शुरू करने की अनुमति देने संबंधी वाद पर शनिवार को आदेश आना था. हालांकि कोर्ट ने अगली तारीख 20 नवंबर नियत कर दी. वहीं मामले में इस पक्षकार बनाने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी की अर्जी पर सुनवाई भी 20 नवंबर को ही होगी. बता दें कि सोमनाथ व्यास (व्यासजी) के नाती शैलेन्द्र कुमार पाठक ने 25 सितंबर को इस बाबत वाद दाखिल किया था.

आकृति से छेड़छाड़ में केस की अर्जी खारिज

स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत ने शनिवार को ज्ञानवापी सबंधित मामले में मुकदमा दर्ज करने सबंधित अर्जी पोषणीय न पाते हुए निरस्त कर दी. कोर्ट ने पिछले तिथि पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. बजरडीहा भेलूपुर निवासी विवेक सोनी व जयध्वज श्रीवास्तव की ओर से सीआरपीसी की धारा 156 (3) तहत प्रार्थना पत्र दिया गया था. बताया था कि श्रीकाशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, जो जीवित स्वरूप हैं. कुछ अज्ञात लोग, जो औंरगजेब का धर्म मानने वाले हैं, असंवैधानिक तरीके से ज्योतिर्लिंग को ढकने के बाद वुजू का स्थान बना दिया. शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर फव्वारा का रूप देने का प्रयास किया गया. ऐसे में हिंदुओं की भावना भड़का कर मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों ने दंगा कराने का प्रयास किया है.

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