
नई दिल्ली . म्यूचुअल फंड की नई फंड योजनाओं या पेशकश (एनएफओ) में निवेशकों ने जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 22,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले चार गुना अधिक है.
मॉर्निंगस्टार इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तिमाही में 48 नई योजनाएं बाजार में आईं, जिसमें निवेशकों ने सबसे अधिक दिलचस्पी दिखाई. इन योजनाओं के माध्यम से कुल 22,049 करोड़ का निवेश किया. आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही में 25 एनएफओ पेश किए गए थे, जिनमें 5,539 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.
और नई योजनाएं आएंगी बाजार विशेषज्ञों कहना है कि निवेशकों का भारत के तेज विकास और नए क्षेत्रों में बन रहे अवसरों पर भरोसा बढ़ा है. इसे देखते हुए अधिक से अधिक कंपनियां नई योजनाओं को बाजार में पेश कर पैसा जुटा रही हैं. निवेशकों को भी अच्छा रिटर्न मिल रहा है. म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों के रुझान को देखते हुए इक्विटी और हाइब्रिड श्रेणियों में नए फंड योजनाओं पेश कर सकती हैं. आने वाली तिमाहियों में और अधिक एनएफओ आने की उम्मीद है.
क्या होते हैं एनएफओ सामान्य तौर पर जब बाजार में तेजी देखी जाती है, तब नए फंड योजनाएं (एनएफओ) पेश होती हैं. एनएफओ निवेशकों के रुझान को भुनाने और उनके निवेश को आकर्षित करने के लिए जारी किए जाते हैं, क्योंकि निवेशक बढ़ते बाजार के वक्त निवेश के लिए तैयार रहते हैं.
क्यों बढ़ रहा रुझान
1. भारत की वृद्धि दर तेज रहने की उम्मीद
2. विदेशी निवेशकों का रुझान भी बढ़ा
3. बाजार में तेजी से निवेशकों के बीच सकारात्मक माहौल बना
4. महंगाई दर नीचे आई, ऋण दरों में बढ़ोतरी नहीं
बड़े निवेशकों से अधिक हिस्सेदारी बढ़ी
आंकड़ों के अनुसार, खुदरा निवेशकों के पास अब 60 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो बाजार में सभी निवेशकों की कुल संपत्ति का करीब पांचवां हिस्सा है. इसमें म्यूचुअल फंड (एसआईपी) के माध्यम से किया गया निवेश भी शामिल है. यही नहीं, वर्ष 2023 के दौरान शेयर बाजार में कुल 28 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया, जो कि बड़े निवेशकों के कुछ अन्य समूहों की तुलना में काफी अधिक है.