
केंद्र सरकार निपाह और जीका जैसे वायरस के लिए पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन लाने की तैयार कर रही है. इसके लिए नीति आयोग ने प्रस्ताव मांगे हैं.
मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक सरकार चाहती है कि वैक्सीन बनाने के लिए कंपनियां तैयारी शुरू कर दें. इसके लिए एक कंसोर्सियम बनाने का भी सुझाव आया है. कंसोर्सियम बनाकर ही वैक्सीन पर शोध और उसका ट्रायल किया जाएगा. इसके माध्यम से वैक्सीन बनाने में न केवल खर्च घटेगा बल्कि वैक्सीन की लागत भी किफायती बनेगी. नीति आयोग ने इसी सुझाव पर सभी घरेलू कंपनियों से प्रस्ताव मंगाए हैं. निपाह, जीका और केएफडी वायरस से होने वाला मंकी फीवर कुछ राज्यों में अपना गंभीर प्रभाव छोड़ता है. केरल, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों में तमाम लोग इसके चपेट में आते हैं और कुछ की तो मौत भी हो जाती है. हालांकि दुनिया के दूसरे देशों में इनका प्रभाव ज्यादा होता है. वैक्सीन बनाने और उसे बाजार में उतारने का खर्च ज्यादा होने की वजह से कोई एक कंपनी उसे लॉन्च करने का रिस्क नहीं उठाती है.