
भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और वित्त वर्ष 2026-27 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि सात प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का मानना है कि देश के लिए एक बड़ी परीक्षा विशाल अवसर का लाभ उठाकर खुद को अगला बड़ा वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने की है.
एसएंडपी की रिपोर्ट ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024 न्यू रिस्क, न्यू प्लेबुक में कहा गया है कि मार्च 2024 यानी चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. 2026 में इसके सात प्रतिशत पहुंचने की उम्मीद है.
वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि जून और सितंबर तिमाही में क्रमश 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत रही थी. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी के अनुसार, हमें उम्मीद है कि भारत अगले तीन वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा.
मजबूत लॉजिस्टिक्स ढांचा करेगा मदद
एसएंडपी के अनुसार, एक मजबूत लॉजिस्टिक्स ढांचा विकसित करना भारत को सेवा-प्रधान अर्थव्यवस्था से विनिर्माण-प्रमुख अर्थव्यवस्था में बदलने में महत्वपूर्ण होगा. वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है. भारत वर्तमान में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.