
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित जिन दो विधेयकों पर सदन में विचार हो रहा है, वे उन सभी लोगों को न्याय दिलाने के लिए लाए गए हैं, जिनकी 70 साल तक अनदेखी की गई और जिन्हें अपमानित किया गया. उन्होंने कहा कि पीएम ने पिछड़ों को सम्मान दिलाया है.
पिछड़ों के आंसू पोछे शाह ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों का दर्द समझते हैं. वे एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पिछड़ों के आंसू पोंछे हैं. शाह ने कहा कि विधेयक पर चर्चा में पक्ष-विपक्ष के 29 वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए, लेकिन किसी ने भी इस विधेयक के तत्व का विरोध नहीं किया और विधेयक के उद्देश्य के साथ किसी ने असहमति नहीं जताई है. शाह ने कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग का विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ग को सम्मान व अधिकार दिया है.
नाम के साथ सम्मान जुड़ा विधेयक का नाम बदलने के कुछ विपक्षी सदस्यों के सवाल पर कहा कि नाम के साथ सम्मान जुड़ा है. इसे वही लोग समझ सकते हैं, जो पीछे छूट गए लोगों को संवेदना के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं. मोदी जी ऐसे नेता हैं, जो गरीब घर में जन्म लेकर देश के प्रधानमंत्री बने हैं. वह पिछड़ों, गरीबों का दर्द जानते हैं. वो लोग इसे नहीं समझ सकते, जो इसका उपयोग वोटबैंक के लिए करते हैं.
कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का जिक्र
शाह ने कहा कि यह वो लोग नहीं समझ सकते हैं, जो लच्छेदार भाषण देकर पिछड़ों को राजनीति में वोट हासिल करने का साधन समझते हैं. प्रधानमंत्री पिछड़ों और गरीब का दर्द जानते हैं. उन्होंने कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का उल्लेख करते हुए कहा कि वोट बैंक की राजनीति किए बगैर अगर आतंकवाद की शुरुआत में ही उसे खत्म कर दिया गया होता तो कश्मीरी विस्थापितों को कश्मीर छोड़ना नहीं पड़ता.
राहुल का नाम लिए बगैर निशाना साधा
शाह ने के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस के नेता ओबीसी की बात करते हैं…कुछ नेता होते हैं उन्हें कुछ लिखकर हाथ में पकड़ा दो तो जब तक नई पर्ची नहीं मिलती, वह छह महीने तक एक ही बात बोलते रहते हैं. शाह ने आरोप लगाया कि पिछड़े वर्गों का सबसे बड़ा विरोध और पिछड़े वर्गों को रोकने का काम कांग्रेस ने किया है. उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर जाने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
हजारों पैक्स किसान समृद्धि केंद्रों के रूप में काम कर रहीं
देश के 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 28,648 पैक्स प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) के रूप में काम कर रही हैं. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. कहा कि सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र का संचालन करने की अनुमति दी है ताकि किसानों को उर्वरक, कीटनाशक और संबंधित सेवाओं की सरल पहुंच सुनिश्चित हो सके.