
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है और जब अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाएं सिकुड़ रही हैं तब भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है. उन्होंने अमेरिका सहित विभिन्न देशों के आकंड़ों का हवाला देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की उजली तस्वीर सदन के सामने पेश की.
सीतारमण ने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल की विभिन्न योजनाओं को केवल नाम के लिए शुरू किए जाने का दावा किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाएं न सिर्फ तेज गति से क्रियान्वित की गईं, बल्कि जमीनी स्तर पर उसका लाभ भी देशवासियों को मिला. ‘देश में आर्थिक स्थिति’ पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने सरकार पर अर्थव्यवस्था के विषय पर चर्चा से भागने के विपक्ष के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया. कहा कि सरकार चर्चा से कभी नहीं हिचकती. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में भी संसद में इस विषय पर चर्चा हुई थी, जबकि 2022 में महंगाई को लेकर भी संसद में चर्चा की गई थी. सीतारमण ने कहा कि जुलाई-सितंबर में जीडीपी की दर उच्च थी, पर सरकार सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था की गति कायम रखने में सफल रही. सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि अच्छी रही है. पीएलआई योजना जैसे उपायों की वजह से विनिर्माण क्षेत्र अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.
51 करोड़ बैंक खाते खोले पूर्ववर्ती सरकार की ओर से आरंभ की गईं स्वाबलंबन, जन औषधि जैसी योजनाओं को ‘केवल नाम के लिए’ आरंभ किए जाने का आरोप लगाते हुए निर्मला ने कहा कि वर्तमान सरकार का ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन में शानदार प्रदर्शन रहा है. 2014 से पहले के 10 वर्षों में नाम के वास्ते 24.3 करोड़ बैंक खाते खोले गए, जबकि वर्तमान सरकार के दौरान 51 करोड़ बैंक खाते खोले गए. उनकी स्वाबलंबन योजना के तहत आठ वर्षों में 5.95 करोड़ लोगों का बीमा हुआ, जबकि अटल पेंशन योजना के तहत वर्तमान सरकार में यह संख्या दोगुनी है. 2008-2014 के बीच केवल 80 जन औषधि केंद्र खोले गए थे, मौजूदा सरकार के कार्यकाल में यह संख्या 10 हजार पार कर गई है.
आर्थिक वृद्धि के दिख रहे संकेत
सीतारमण ने कहा कि इस वर्ष प्रत्यक्ष कर संग्रह में 21.82 की वृद्धि हुई. मासिक जीएसटी संग्रह 1.6 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर है, जो आर्थिक वृद्धि का संकेत है. भारत दुनिया में दूसरा सबसे पसंदीदा मैन्यूफैक्चरिंग गंतव्य बना है. भारत आज दूध, दलहन, कपास, चीनी अन्य चीजों के उत्पादन में दुनिया के देशों में पहले स्थान पर है, जबकि चावल, गेहूं, गन्ना व फलों व सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है. ऐसा नहीं है कि विकास सिर्फ शहरों में हो रहा है, बल्कि ग्रामीण भारत भी अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दे रहे हैं.
फरवरी के बजट में बड़ी घोषणा नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक फरवरी 2024 को पेश किए जाने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले पेश होने वाला लेखानुदान होगा. यह सीतारमण का छठा बजट होगा. वित्तमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों के बाद चुनी हुई नई सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश करेगी. एक फरवरी को नए वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट आएगा.