
नई दिल्ली . संसद की सुरक्षा में सेंध लगने के अगले दिन गुरुवार को दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा किया. विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा था. संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में 14 विपक्षी सांसदों को सत्र के बाकी बचे दिनों तक के लिए निलंबित कर दिया गया. इनमें 13 लोकसभा और एक राज्यसभा से हैं. उधर, लोकसभा सचिवालय ने सुरक्षा में चूक को लेकर आठ सुरक्षाकर्मियों के निलंबन के भी आदेश दिए हैं.
लोकसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी दलों के सांसदों ने जबरदस्त हंगामा किया. कुछ सांसद प्ले कार्ड भी लेकर आए थे. कुछ अध्यक्ष की आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे. स्पीकर ओम बिरला के बार-बार अनुरोध के बावजूद न मानने पर पहले कांग्रेस के पांच सांसदों टी. एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को निलंबित किया गया. फिर नौ सदस्यों वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, द्रमुक की कनिमोई और एस आर प्रतिबन, माकपा के एस वेकटेशन और पी. आर नटराजन तथा भाकपा के के. सुब्बारायन पर कार्रवाई की गई.
द्रमुक सांसद का निलंबन वापस बाद में सरकार ने द्रमुक के एस आर प्रतिबन के निलंबन को वापस ले लिया. सांसद तब सदन में नहीं थे.
राज्यसभा में भी हंगामा उधर, राज्यसभा में हंगामा करने के कारण तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया. इसके बावजूद वह सदन से बाहर नहीं गए जबकि सभापति उन्हें बार-बार चेतावनी देते रहे. इसे आसन की अवमानना माना गया और उनके आचरण की जांच राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति को सौंप दी गई.
संसद की सुरक्षा सख्त
संसद की सुरक्षा में बुधवार को बड़ी चूक के बाद गुरुवार को पूरे इलाके में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई. संसद के अंदर प्रवेश करने से पहले लोगों के जूते उतरवाकर गहन जांच की गई. जिन्होंने टोपी पहन रखी थी, उनसे टोपी उतारने को भी कहा गया. इसके अलावा कई गेट से प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को मकर द्वार से अनुमति नहीं दी गई.
संसद में घुसपैठ का मुख्य साजिशकर्ता ललित झा गिरफ्तार
संसद की सुरक्षा में हुई चूक मामले के मुख्य साजिशकर्ता ललित झा को गुरुवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. नई दिल्ली जिला कर्तव्य पथ थाना पुलिस ने दबोचा. झा एक शख्स के साथ खुद ही कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन पहुंचा, जहां उसे हिरासत में ले लिया गया और दिल्ली पुलिस की एंटी टेररिस्ट यूनिट-स्पेशल सेल को सौंप दिया गया. इस बीच, हिरासत में लिए गए विशाल शर्मा और उसकी पत्नी को छोड़ दिया गया. वहीं, गिरफ्तार अन्य चार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. सभी को सात दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा.