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साइबर किडनैपिंग कर परिजनों से मांग रहे फिरौती

अमेरिका में साइबर अपहरण का नया मामला सामने आया है. इसमें अपराधी पीड़ित का अपहरण नहीं करते हैं बल्कि उसे सिर्फ किडनैप करने का आभास कराया जाता है. इस घटना में फोटो और वीडियो दिखाकर अपराधी पीड़ित के परिजनों से फिरौती की रकम वसूल रहे हैं. ताजा मामले में उटाह में एक चीनी छात्र का अपराधियों ने साइबर अपहरण कर लिया और उसके परिजनों से 80 हजार डॉलर की रकम ले ली. कैसे लोग वारदात के शिकार हो रहे हैं, इस पर एक नजर-

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि छात्र के चीनी परिवार से जबरन वसूली करने वाला साइबर अपहरण मामला एक बड़ी आपराधिक प्रवृत्ति का हिस्सा है. यह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सभी के लिए खतरनाक हो सकता है. इसके शिकार दुनिया भर के माता-पिता हो सकते हैं.

सोशल मीडिया प्रोफाइल पर करते हैं नियंत्रण

इस अपराध में किसी पीड़ित को ऑनलाइन हमलावरों की ओर से निशाना बनाया जाता है. साइबर अपहरण तब होता है, जब कोई व्यक्ति पीड़ित के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर नियंत्रण कर लेता है. जब तक फिरौती नहीं मिल जाती, तब तक उस पर नियंत्रण नहीं छोड़ता है. इसमें पीड़ित असल में अपहरण नहीं होता है.

आमतौर पर साइबर अपहरण में अपराधी पीड़ित को कॉल या मैसेज करके यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि उसके किसी प्रियजन का अपहरण कर लिया गया है, जबकि वह वास्तव में सुरक्षित होते हैं.

– मैरी हेलेन, निदेशक सेंटर फॉर साइबर क्राइम स्टडीज

क्या है मामला

चीन का 17 वर्षीय छात्र कयी जुहांग पिछले हफ्ते शुक्रवार को लापता हो गया था. उसे आखिरी बार सॉल्ट लेक सिटी से 48 किलोमीटर दूर रिवरडेल में उसके घर पर देखा गया था. अमेरिकी पुलिस और चीनी दूतावास ने जांच की तो वह एक जंगल में टेंट के अंदर मिला. पूछताछ में पता चला कि अपराधियों ने उसके परिजनों के अपहरण की सूचना दी थी. उसे धमकी देते हुए जंगल में जाकर खुद को बंद करने का कहा था. वह डर के कारण किसी से कुछ बता नहीं सका. पुलिस के मुताबिक, जुहांग को बरामद किया गया, तब उसके पास गर्म कंबल, सोने वाला बैग, खाना-पानी और कई सारे फोन मिले. बरामदगी के दौरान वह ठंड और डर से कांप रहा था.

ऐसे अपराध से खुद को कैसे बचाएं

● अपहरणकर्ताओं के संपर्क करने पर संचार बंद कर दें

● घटना के बारे में तुरंत पुलिस को सूचना दें

● अपने आप को साइबर अपहरण के अपराध से जागरूक रखें

● अतिरिक्त सुरक्षा वाले ऐप का उपयोग करें

● अविश्वसनीय स्रोतों से भेजे गए लिंक को न खोलें.

डर या दबाव में आकर पीड़ित अपने परिजनों को बचाने के लिए अपराधी की सारी बातें मानने लगता है. उसे एक अंजान जगह पर जाने के लिए कहते हैं. वहां से पीड़ित को खुद को बंधक बना हुआ तस्वीर या वीडियो भेजने का निर्देश देते हैं.

पीड़ित के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर ऑनलाइन हमलावर नियंत्रण कर लेते हैं. फिर वह उसे डराते हैं कि उसके परिवार को मारने की धमकी दी गई है. उसे ये बातें किसी भी बताने से मना करते हैं.

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