रक्षा आधुनिकीकरण और पेंशन के लिए ज्यादा आवंटन की दरकार

नई दिल्ली: एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में पेश होने वाले पहले बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए होने वाले आवंटन पर देश की निगाहें टिकी हैं. हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार विपक्ष ने अग्निपथ योजना को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था, उसके चलते सरकार पर दबाव है कि वह रक्षा क्षेत्र के लिए कुछ बड़ा करे. साथ ही इस योजना को और आकर्षक बनाए.
विगत एक फरवरी को पेश किए अंतरिम रक्षा बजट में 6.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था लेकिन कुल आवंटन में महज पांच फीसदी की वृद्धि हुई थी, जो बेहद कम थी. तब यह तर्क सरकार की तरफ से आया था कि जुलाई में पेश होने वाले बजट में इसमें बदलाव किया जाएगा. ऐसा 2019 में भी किया गया था, तब अंतरिम बजट की तुलना में पूर्ण बजट के दौरान रक्षा राशि में बढ़ोतरी हुई थी. इसलिए यह माना जा रहा है कि रक्षा बजट 6.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर चला जाएगा.
इसी प्रकार आधुनिकीकरण के बजट को बढ़ाने का भी सरकार पर दबाव होगा. मेक इन इंडिया के तहत बड़े पैमाने पर रक्षा निर्माण की परियोजनाएं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र को सौंपी गई हैं. उनसे सामानों की आपूर्ति होनी है. खरीद के लिए रक्षा मंत्रालय को ज्यादा पैसे की दरकार होगी. अंतरिम बजट में आधुनिकीकरण के लिए 1.71 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. पिछले साल की तुलना में यह बढ़ोतरी महज दस हजार करोड़ की थी जो कम मानी जा रही है.
आंतरिक समीक्षा की जा रही पिछले दिनों में हुए आम चुनाव में विपक्ष द्वारा अग्निपथ योजना पर गंभीर सवाल उठाए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा इसकी आंतरिक समीक्षा की जा रही है. इसे और आकर्षक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि यह सीधे तौर पर बजट का विषय तो नहीं है लेकिन बजट भाषण में इसमें बदलावों का जिक्र किया जा सकता है. ऐसी अटकलें चल रही हैं.
भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन की राशि में इजाफा संभव
रक्षा बजट में आधुनिकीकरण के बाद जिस मद में ज्यादा आवंटन की जरूरत पड़ेगी, वह भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन का है. अंतरिम बजट में पेंशन के लिए 1.41 लाख करोड़ का प्रावधान हुआ था. पर इस वर्ष वन रैंक वन पेंशन की समीक्षा होनी है, जो हर पांच साल में होती है. एक जनवरी 2025 से संशोधित पेंशन लागू होनी है. ऐसे में इस योजना में पेंशनार्थियों की संख्या बढ़ेगी व उनकी पेंशन की राशि में भी इजाफा होगा. इसलिए पेंशन के बजट में वृद्धि करना सरकार के लिए बाध्यकारी होगा.
बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए हुआ आवंटन
2024-25 (अंतरिम) 6.21 लाख करोड़
2023-24 5.94 लाख करोड़
20122-23 5.25 लाख करोड़
2021-22 5.78 लाख करोड़