65 लाख के गौठान पर ब्रेक, सड़कों में घूम रहे मवेशी

दुर्ग: पशुधन सरंक्षण के लिए पूर्ववर्ती सरकार की स्वीकृति पर दो शहरी गौठान का निर्माण प्रारंभ हुआ. इसमें से 65 लाख के निर्माणाधीन गौठान का काम फंड की कमी के कारण अटक गया है. इसके चलते हजारों की संया में मवेशी सड़कों पर लावारिस घूम रहे हैं. जिससे यातायात बाधित होने के साथ दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है. पूर्व विधायक अरुण वोरा ने प्रदेश सरकार ने विद्वेषपूर्वक गौठान के लिए राशि जारी नहीं करने का आरोप लगाया है.
वोरा ने बताया है कि पूर्व में स्वीकृति मिलने के बाद भी चार स्थानों में बनने की जगह मात्र दो ही स्थानों पर ही गौठान प्रारंभ हुआ. गौवंश की सरंक्षण के लिए गौठान जैसी बेहतरीन योजना पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार द्वारा संचालित गौधन न्याय योजना पूरे देश में सुपरहीट साबित रही. देशभर के विभिन्न राज्य में गौठान योजना की सराहना की गई. इस योजना के माध्यम से गोबर खरीदी, गौमूत्र की खरीदी से गौ पालको को अतिरिक्त आय लाभ मिल रहा था. समूहों की माता बहने वर्मी कपोस्ट व खाद बनाकर सशक्त हो रही थी.
भाजपा सरकार के आते ही संचालित महत्वपूर्ण योजना को फंड के अभाव में 65 लाख से निर्माणाधीन कार्यो में ताला लग गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गौठान बनाने की बड़ी योजना पुलगांव के गोकुल नगर में प्रारभ किया गया था. अब कार्य को बंद कर देने से निर्माणाधीन अपूर्ण कार्य कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं. पुलगांव गौठान में 460 गौवंश को रखा गया है. गोधन न्याय योजना बंद होने से स्थिति दयनीय हो गई है. चारा ना मिलने व कामधेनु शेड में जलभराव व कीचड हो गया है. बीमार व घायल गौवंश की प्रशासन सुध नहीं ले रहा है.