पांच जिलों के पंजीयन कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच में मिली गड़बड़ी
रायपुर: शासन के पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपत्तियों के क्रय-विक्रय पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इन संपत्तियों के पंजीयन के दौरान दस्तावेज़ों के गलत मूल्यांकन को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं. विभाग के सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपए की राजस्व हानि की पहचान की और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई. सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा संबंधित जिलों के जिला पंजीयक शुल्क की वसूली के लिए प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है. साथ ही, संबंधित उप पंजीयक एवं जिला पंजीयकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
बता दें कि राज्य में स्थित 102 पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध होने वाले दस्तावेजों में कर अपवंचन की रोकथाम और निगरानी के लिए महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मुख्यालय में विभागीय सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया गया है. पंजीयन विभाग द्वारा अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन से वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग ने लगभग 2505.98 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है.
18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ की राजस्व हानि
महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक से मिली जानकारी के अनुसार सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के अधीनस्थ पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की रेण्डम जांच की गई, जिनमें 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रुपए की राजस्व हानि पाई गई है.