रायपुर:कमल विहार की अंडरग्राउंड बिजली बनी मुसीबत, फोरपोल लगाने पड़ रहे
रायपुर. कमल विहार जैसी सर्वसुविधायुक्त कॉलोनी में रहने वाले चौतरफा मुसीबत में घिर हुए हैं. रायपुर विकास प्राधिकरण ने जिस एलएंडटी कंपनी से अंडरग्राउंड बिजली केबलिंग का काम कराया, परंतु उस सिस्टम में कई जगह खराबी आने के कारण कमल विहार के 14 सेक्टरों के रहवासियों की बिजली गुल होने से आए दिन लोग परेशान होने लगे. ऐसी स्थिति कमल विहार में लगे ट्रांसफार्म यार्डो के खराब 11 केवी प्रोटेक्शन पैनल को फोरपोल डीओ यूनिट को बदलने की नौबत आ गई.
लोगों के लगातार समस्याओं का यह मामला राज्य बिजली कंपनी के एमडी पी. दयानंद और कलेक्टर गौरव कुमार सिंह तक पहुंचा. इसके बाद दोनों विभागों के अफसरों को ऐसी समस्या को दुरुस्त करने के निर्देश दिए और सीएसपीडीसीएल और आरडीए के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से विगत दिनों जायजा लिया. इस खराबी को ठीक कराने के लिए आरडीए ने बिजली कंपनी को 1 करोड़ 87 लाख रुपए लाख का भुगतान किया, तब जाकर बिजली सिस्टम सुधारने में काफी तेजी आई है. स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी रायपुर वृत्त के अधीक्षण अभियंता मनोज वर्मा के अनुसार कमल विहार में अंडरग्राउंड बिजली सिस्टम में खराबी है, उसके कई ट्रांसफार्मर यार्ड खराब हुए हैं. कमल विहार के बिजली सिस्टम को दुरुस्त करने टेंडर प्रक्रिया पूरी करके तेजी से काम कराया जा रहा है.
खराब ट्रांसफार्मर यार्ड बदलने के लिए लगा रहे 27 फोरपोल
अधीक्षण अभियंता मनोज वर्मा ने बताया कि खराब ट्रांसफार्मर यार्ड बदलने के लिए 27 फोरपोल लगाने का काम तेजी से कराया जा रहा है. जिनमें से 13 पोल दो से तीन दिनों के अंदर तैयार कराए गए. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया से ठेकेदारों को काम दिया गया है. अगले 4 से 5 दिनों में सभी 27 फोरपोल का काम पूरा करा लिया जाएगा. ऐसे में किसी न किसी सेक्टर में शटडाउन लेना पड़ रहा है. शनिवार को सेक्टर-1 यार्ड 3, सेक्टर-13 यार्ड 2 के लिए बिजली बंद रहने की सूचना जारी की गई है.
वहीं दूसरी ओर नगर संभाग पूर्व, पश्चिम, मध्य एवं दक्षिण में बिजली गुल होने नए कनेक्शनों के लिए विद्युत मीटर का कई हतों तक इंतजार, यूज कॉल सेंटर में अव्यवस्था का निराकरण नहीं होने की शिकायतों का मामला सामने आने पर अधीक्षण अभियंता एमके वर्मा ने कार्यपालन अभियंता को जवाब-तलब किया है. उन्होंने शुक्रवार को पत्र जारी कर जल्द निराकरण करने का आदेश दिया. साथ ही, चेताया है कि यदि समस्याओं के निराकरण में लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई के लिए कार्यपालन अभियंता स्वयं जिमेदार होंगे.