Kolkata Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में सीबीआई ने जांच की गति बढ़ा दी है. इस केस ने पूरे देश को झकझोर दिया है और लोग सड़कों पर उतरकर विरोध जता रहे हैं. इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए सीबीआई ने दो प्रमुख महिला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. ये अधिकारी पहले भी हाथरस रेप-मर्डर केस और उन्नाव रेप केस की जांच कर चुकी हैं.
कोलकाता केस की जांच का नेतृत्व कर रही दो महिला अधिकारी हैं सीमा पाहुजा और संपत मीणा. सीबीआई में अतिरिक्त निदेशक पद पर तैनात संपत मीणा 25 सदस्यीय टीम की अगुवाई करेंगी, जबकि सीमा पाहुजा जमीनी स्तर की जांच करेंगी.
संपत मीणा: एक दक्ष और अनुभवी अधिकारी
संपत मीणा, जो कि 1994 बैच की झारखंड कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं, ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की है, जिसमें 2020 का हाथरस रेप-मर्डर केस और 2017 का उन्नाव रेप केस शामिल हैं. उनकी गहन जांच के लिए उन्हें व्यापक प्रशंसा मिली है.
सीमा पाहुजा: ज़मीनी स्तर की सशक्त जाँचकर्ता
सीमा पाहुजा, जो हाथरस मामले की जांच टीम का भी हिस्सा थीं, वर्तमान में सीबीआई में अतिरिक्त अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. वे कोलकाता केस में ज़मीनी स्तर की जांच का जिम्मा संभालेंगी. पाहुजा को 2007 से 2018 के बीच उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दो बार गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश में एक 10वीं कक्षा की छात्रा के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में भी सफलता पूर्वक सजा दिलाई थी.
घटना का संक्षेप
9 अगस्त को, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. कथित तौर पर उसकी ड्यूटी के दौरान बलात्कार और हत्या की गई थी. इस मामले में कोलकाता पुलिस ने अगले ही दिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. हालांकि, 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया, जिसके बाद सीबीआई ने 14 अगस्त से अपनी जांच शुरू की.
इस दौरान, सीबीआई को संजय रॉय पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति मिली है, जो इस मामले में गिरफ्तार एकमात्र व्यक्ति है. इससे पहले, आरोपी पर मनोविश्लेषण परीक्षण किया गया था और अब कोर्ट से पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी भी मिल चुकी है.