डीजीसीए ने अयोग्य चालक दल के सदस्यों (क्रू मेंबर्स) के साथ उड़ान भरने के लिए एयर इंडिया पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मामले में एयर इंडिया के परिचालन निदेशक पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं प्रशिक्षण निदेशक को छह माह के लिए निलंबित करते हुए तीन लाख जुर्माना लगाया गया है.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि एयर इंडिया लिमिटेड ने एक नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन द्वारा संचालित उड़ान का संचालन किया, जिसे एक नॉन-लाइन-रिलीज प्रथम अधिकारी के साथ जोड़ा गया था. नियामक ने इसे एक गंभीर घटना माना है. डीजीसीए ने संबंधित पायलट को आगाह किया है कि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.
कारण बताओ नोटिस का नहीं मिला संतोषजनक जवाब डीजीसीए ने कहा कि जांच के आधार पर चला है कि कई पदधारकों तथा कर्मियों द्वारा प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है, जो कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. 22 जुलाई, 2024 को एयर इंडिया के फ्लाइट कमांडर और स्वीकृत पदधारकों को डीजीसीए द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद, दिए गए जवाबों को असंतोषजनक माना गया. पहले मार्च में एयर इंडिया पर पायलट रेस्ट पीरियड रूल्स के उल्लंघन के लिए 80 लाख का जुर्माना लगाया था.