प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर शुक्रवार को कहा कि शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं, हम सभी के आराध्य हैं. मैं अपने आराध्य के चरणों में सिर झुकाकर माफी मांगता हूं.
प्रधानमंत्री ने पालघर में 76 हजार करोड़ रुपये से वधावन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी. इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने की घटना पर मैं सभी से क्षमा प्रार्थी हूं. मोदी ने कहा कि हमारे मूल्य अलग हैं. हमारे आराध्य से बड़ा कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग वीर सावरकर को बुरा-भला कहते हैं लेकिन वे उनको अपमानित करने के लिए माफी मांगने को तैयार नहीं हैं.
मोदी ने कहा कि जैसे ही मैं अपने विमान से यहां उतरा, मैंने शिवाजी की प्रतिमा टूटने पर सबसे पहले माफी मांगी. प्रतिमा टूटने से जिन लोगों को ठेस पहुंची उनसे भी माफी मांगी. मराठा योद्धा की प्रतिमा गिरने के बाद मोदी की यह पहली टिप्पणी है.
विकसित भारत के लिए विकसित महाराष्ट्र जरूरी : प्रधामंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित महाराष्ट्र बेहद जरूरी है. दस वर्षों में हमने राज्य के विकास के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. इसका मुख्य उद्देश्य है कि राज्य की क्षमता का पूरा लाभ देश और राज्य के लोगों को मिले.
महाराष्ट्र के विकास पर किसे आपत्ति: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई परियोजना से 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के विकास पर किसे आपत्ति है. वे कौन लोग हैं जो नहीं चाहते कि महाराष्ट्र के युवाओं को रोजगार मिले. मोदी ने 1,560 करोड़ की 218 मत्स्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया.
2029 में लगातार चौथी बार वापसी करूंगा : मोदी ने मुंबई में आयोजित फिनटेक फेस्ट- 2024 में कहा कि वे 2029 में चौथी बार फिर वापसी करेंगे और इस आयोजन के 10वें संस्करण को संबोधित करेंगे. अगला आम चुनाव 2029 में होना है.