इस बार पालकी में सवार होकर आएंगी मां दुर्गा , कब से शुरू होंगे नवरात्रि
शारदीय नवरात्र आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है. इस नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. श्राद्ध के आखिरी दिन शाम से नवरात्र की तैयारियां शुरू होने लगती हैं. इस बार आखिरी श्राद्ध यानी सर्वपितृअमावस्या 2 अक्टूबर की है. इसके बाद तीन नवंबर से नवरात्र का पर्व शुरू हो जाएगा.
पहले दिन मां दुर्गा की कलश स्थापना की जाती है. इसके बाद अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन कर अगले दिन दशहरा पर्व मनाया जाएगा. नवरात्र में मां के आगमन पर और प्रस्थान पर विचार किया जाता है. मां का आगमन और प्रस्थान उनके आने के दिन पर निर्भर करता है. इस बार नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर को शुरू हो रहा है. 3 अक्टूबर को गुरुवार है और माता का आगमन पालकी में हो रहा है.
ऐसी मान्यता है कि माता का आगमन और गमन के दौरान वाहन का असर देश-दुनिया पर प्रभाव पड़ता है. इस वर्ष माता पालकी पर सवार होकर आ रही हैं. पालकी की सवारी को देवी पुराण में शुभ माना गया गया है. हालांकि पालकी की सवारी को आंशिक महामारी का कारण भी माना गया है. खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय बताते हैं कि इस वर्ष मां भगवती चरणायुध यानी बड़े पंजे वाले मुर्गे पर सवार होकर जा रही हैं. मान्यता है कि राष्ट्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, षष्ठी पर कात्यायनी, सप्तमी पर कालरात्रि, अष्टमी पर महागौरी एवं नवमी पर सिद्धिदात्री की पूजा होती है. नवरात्र नौ दिन की होती है.
तिथि
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से होगी. वहीं 04 अक्टूबर को देर रात 02 बजकर 58 मिनट पर प्रतिप्रदा समाप्त होगी. ऐसे में 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी. वहीं, शारदीय नवरात्र का समापन 11 अक्टूबर को होगा. इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा.