भारत में मंकी पॉक्स का पहला संदिग्ध मामला सामने आया है. मरीज एक युवक है, हाल ही में वह मंकीपॉक्स से प्रभावित देश से भारत लौटा है. बीमारी के लक्षण दिखाई देने के बाद उसे अस्पताल में आईसोलेशन में रखा गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि संदिग्ध मरीज की हालत स्थिर है. उसे एमपॉक्स है या नहीं इसके लिए नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं.
प्रोटोकॉल के हिसाब से हो रहा इलाज स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार संदिग्ध मरीज का इलाज तय प्रोटोकाल के हिसाब से किया जा रहा है. मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों पर नजर रखी जा रही है तथा नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) लगातार खतरे का पूर्व आकलन कर रही है. इसी वजह से यह संदिग्ध मामला सामने आ पाया है. देशभर में मंकी पॉक्स से प्रभावित देशों से आने वाले की जांच और निगरानी के पर्याप्त इंतजाम किये गए हैं. इसलिए खतरे की कोई बात नहीं है.
डब्ल्यूएचओ ने घोषित की है हेल्थ इमरजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है. अफ्रीकी देशों में वायरस के प्रकोप के कारण डब्ल्यूएचओ को यह कदम उठाना पड़ा. इस साल 15 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1 जुलाई 2022 से 31 जुलाई 2024 तक दुनियाभर में कुल 103048 मामले एमपॉक्स के सामने आए हैं. अफ्रीकी देशों सहित पाकिस्तान व कुछ अन्य देशों में एमपॉक्स के मामले सामने आने के बाद भारत में वायरस के प्रसार पर पहले से नजर रखी जा रही थी.
संक्रमण का खतरा किसे?
संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहनेवाले लोगों को वायरस की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है. आम तौर पर यौन मार्गों, घाव के साथ सीधे संपर्क में आने या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े के इस्तेमाल से होता है.
टीका उपलब्ध, पर सबको नहीं लगेगा
देश में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मरीज मिला है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल चिंता की बात नहीं है, लेकिन फिर भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स के बढ़ते प्रकोप के कारण इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है.
क्या है एमपॉक्स
एमपॉक्स वायरल संक्रमण है. यह एक जूनोटिक बीमारी है जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. यह चूहा गिलहरी जैसे कुतरनेवाले जानवर या नरवानरों में उत्पन्न होती है और लोगों में फैलती है.
एमपॉक्स का टीका पहले से ही उपलब्ध है. चेचक के टीके को ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा में एमपॉक्स टीकाकरण के लिए मंजूरी दी गई है. अभी सभी को टीके की अनुशंसा नहीं की गई है.