कब नहीं तोड़नी चाहिए तुलसी की मंजरी?
शास्त्रों के अनुसार, नियमित तुलसी पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है और घर में पॉजिटिविटी बनी रहती है. जानें तुलसी पूजा से जुड़े कुछ खास नियम-
तुलसी पूजा नियम
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय माना गया है. तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना गया है. इसलिए इसकी नियमित पूजा करने से जीवन में आर्थिक खुशहाली आती है. मान्यता है कि इस पौधे पर जल चढ़ाने व दीपक जलाने से जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि तुलसी पूजा के दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए. जानें तुलसी की मंजरी कब नहीं तोड़नी चाहिए और जल चढ़ाने व दीपक जलाने का समय-
तुलसी की मंजरी नहीं तोड़नी चाहिए
तुलसी की मंजरी रविवार और मंगलवार के दिन नहीं तोड़नी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में परेशानियां आती हैं. इसके साथ तुलसी की मंजरी को एकादशी के दिन भी नहीं तोड़ना चाहिए. जमीन पर गिरे हुए पत्तों का प्रयोग पूजन में करना चाहिए.
तुलसी में दीपक जलाने का समय
तुलसी के पौधे के पास शाम के समय दीपक जलाना शुभ माना गया है. सूर्यास्त के समय करीब 5-6 बजे के आसपास तुलसी पर दीपक जलाना अच्छा माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने मां लक्ष्मी का घर पर स्थाई वास होता है. ध्यान रखें कि तुलसी पर घी का दीपक ही जलाएं.
तुलसी पर जल कब चढ़ाना चाहिए
शास्त्रों के अनुसार, सूर्योदय के समय तुलसी पर जल चढ़ाना अति उत्तम माना गया है. इसलिए सूर्योदय से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करने के बाद सूर्योदय के समय तुलसी पर जल चढ़ाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.
तुलसी पर जल चढ़ाने का मंत्र
तुलसी को जल देते समय ऊं सुभद्राय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र को आप 11 या 21 बार तक जप सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है.
तुलसी पर जल चढ़ाने का लाभ
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी पर जल चढ़ाने से जीवन में सकारात्मकता आती है. तुलसी पर नियमित रूप से जल चढ़ाने से आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में धन-धान्य का आगमन होता है.