स वक्त की बड़ी खबर सामने आई है. अडाणी समूह (Adani Group) के चेयरमैन और देश के दूसरे अमीर उद्योगपति गौतम अडाणी (Gautam Adani) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. अमेरिका में धोखाधड़ी और 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने के आरोप में अडाणी के खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट (New York Federal Court) ने गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
गौतम अडानी समूह के शेयरों में आज गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही बड़ी गिरावट देखी गई. अडानी समूह के शेयरों में भूचाल आ गया है. समूह के शेयर आज 20% तक टूट गए हैं. अधिकतर शेयर लोअर सर्किट में फंसे हैं. शेयरों में इस गिरावट के पीछे गौतम अडानी से जुड़ी एक बड़ी खबर है. दरअसल, हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद अब भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी पर एक और मुसीबत आ पड़ी है. गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का आरोप है. यह मामला अमेरिका का है. अडानी पर आरोप हैं कि उन्होंने सोलर प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट और फाइनेंस जुटाने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह बात उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से छिपाई.
अडानी समूह के किस शेयर में कितनी गिरावट
गुरुवार, 21 नवंबर को कारोबार की शुरुआत में अडानी समूह की अधिकतर कंपनियों के शेयर 10% या 20% के सर्किट में हैं-
अडानी एंटरप्राइजेज – 10% का लोअर सर्किट
अडानी पोर्ट्स -10% का लोअर सर्किट
अडानी ग्रीन एनर्जी -20% का लोअर सर्किट
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस -20% लोअर सर्किट
अडानी पावर – 18 % की गिरावट
अडानी टोटल गैस – 19% की गिरावट
अडानी विल्मर – 10% की गिरावट
अंबुजा सीमेंट -15% लोअर सर्किट
(BSE पर सुबह 9.45 बजे तक के आंकड़ें)
क्या है मामला?
अडानी के साथ जिन अन्य लोगों पर आरोप लगे हैं, उनमें उनके भतीजे और अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी और कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे विनीत जैन शामिल हैं. जैन 2020 से 2023 तक कंपनी के सीईओ थे और वह इसके निदेशक मंडल के प्रबंध निदेशक हैं. 62 साल के अडानी पर बुधवार को सिक्योरिटी धोखाधड़ी करने और उसकी साजिश रचने के आरोप लगाए गए. उनके खिलाफ दो मामले ब्रुकलीन की संघीय अदालत में दर्ज किए गए हैं. यह मामला अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य कंपनी के लिए भारत सरकार को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी बेचने को लेकर अधिकारियों को रिश्वत देने से जुड़ा है. अभियोग में अडानी और अन्य पर भारत में अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट और वित्त पोषण हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को लगभग 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने या देने की योजना बनाने के आरोप हैं. उन पर वॉल स्ट्रीट (अमेरिकी शेयर बाजार) के निवेशकों के साथ वास्तविक स्थिति छिपाने का आरोप है. जबकि इन निवेशकों ने पिछले पांच साल में इस परियोजना में कई अरब डॉलर लगाये हैं. इस बारे में फिलहाल अडानी समूह की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.