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प्रदूषित हवा में सांस लेने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा

दिल्ली की हवा में पिछले कुछ दिन से प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में है. इसी वजह से ग्रैप का चौथा चरण लगा गया है. हाल ही में आए एक शोध से खुलासा हुआ है कि जिन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक से ऊपर है, वहां रहने वाले लोग रोजाना 18 से 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसान झेल रहे हैं. ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी उन पर ज्यादा मंडरा रहा है.

यूरोपियन हार्ट जर्नल के मुताबिक, जिन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 अंक से अधिक होता है और पीएम 2.5 का स्तर 200 पार रहता है तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 24 फीसदी तक बढ़ जाता है. एम्स के मेडिसन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम ने एक अध्ययन के हवाले से कहा कि दिमाग के दौरे से मरने वालों में 11 प्रतिशत मरीज धूम्रपान करने वाले होते हैं. जो लोग 20 या इससे अधिक सिगरेट या बीड़ी प्रतिदिन पीते हैं, उन्हें दिमागी दौरा पड़ने की आशंका दूसरों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा रहती है. लंबे समय तक एक दिन में 20 सिगरेट पीना स्वस्थ लोगों को भी बीमार कर सकता है. सांस और दिल की बीमारी वालों के लिए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. वहीं, बच्चों-बुजुर्गों और गर्भवतियों को भी इससे क्षति पहुंचती है.

डॉक्टरों ने कहा कि अगर कोई हर रोज 20 के बजाय एक सिगरेट पीता है तो हम हम सोचते हैं कि खतरा पांच फीसदी ही है, लेकिन यह सिर्फ फेफड़ों के कैंसर के लिए ही सच है. हृदयघात के मामले में एक पैकेट की तुलना में एक सिगरेट पीने के जोखिम में ज्यादा अंतर नहीं होता है.

● व्यायाम बेहद जरूरी है. पसीना नहीं निकलेगा तो दिल के दौरे का खतरा अधिक रहेगा. अधिक मेहनत वाले व्यायाम न करें.

● तापमान में कमी की वजह से बाहर प्रदूषण अधिक होता है, इसलिए घर के अंदर की व्यायाम करें तो बेहतर है.

● ज्यादा सर्दी में सुबह-शाम टहलने न जाएं, हल्की धूप निकलने पर जा सकते हैं.

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