भारत दाल योजना के तहत लोग जल्द ही ऑनलाइन माध्यम से सब्सिडी वाली दाल खरीद सकेंगे. उपभोक्ता मामले का मंत्रालय बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को इस योजना के तहत सस्ती दालों की बिक्री अपने प्लेटफार्मों पर शुरू करने का आदेश दे सकता है. मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन ग्रॉसरी मंच अमेज़न, फ्लिपकार्ट और स्विगी पर सब्सिडी वाली दालें जल्द उपलब्ध हो सकती हैं. इनके अलावा अन्य ई-कॉमर्स मंच बिगबास्केट, ब्लिंकिट, ज़ेप्टो और जियो मार्ट को भी इसमें शामिल किया जाएगा.
अधिकारियों के मुताबिक, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने इससे पहले भारत दाल उपलब्ध कराने का वादा किया था लेकिन इनमें से अधिकांश ने अभी तक बिक्री शुरू नहीं की है. हालांकि, कुछ वेबसाइट पर बिक्री शुरू हुई है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. सभी ई-कॉमर्स को योजना में भाग लेना होगा ताकि शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसका लाभ मिल सके.
सस्ती भारत दाल योजना का उद्देश्य
महंगाई को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने भारत दल योजना की शुरुआत पिछले साल की थी. इसका पहला चरण जुलाई 2023 में शुरू हुआ और जून 2024 में समाप्त हुआ. योजना का दूसरा चरण अक्टूबर 2024 में शुरू किया गया है. इस योजना के तहत ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट को रियायती दालें उपलब्ध कराने में भागीदार बनाया गया है. सरकार का मानना है कि ई-कॉमर्स मंचों की पहुंच दूर-दूराज तक है और इसका उपयोग उपभोक्ताओं तक सस्ती दालों की पहुंच बढ़ाने के लिए किया जा सकता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारतीय कृषि परिषद के पूर्व अधिकारी बी.बी. सिंह ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सस्ती दालों की उपलब्धता निरंतर बनी रहे और उपभोक्ताओं को महंगे दालों से बचने का मौका मिले. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स पर दालों की निरंतर उपलब्धता, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगी.
महंगाई का असर
देश में दालों की महंगाई, विशेष रूप से मूंग, मसूर और चने की दालों की, खाद्य मुद्रास्फीति पर असर डाल रही है. अक्तूबर में दालों की कीमतों में वृद्धि धीमी हुई लेकिन मांग अब भी आपूर्ति से अधिक है. इसके अलावा, वैश्विक खाद्य तेलों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है, जिससे खाद्य पदार्थों की कीमतों में और भी इजाफा हो रहा है.